चंडीगढ़।
किसान आंदोलन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रतिक्रिया।
प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग का हरियाणा से कोई संबंध नहीं है। यह केंद्र से जुड़ी हुई मांग है।
दिल्ली जाना लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन कैसे जाना है, इसके परिणाम हम पिछली बार के किसान आंदोलन में देख चुके हैं।
टीकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर पर लोग बहुत परेशान हुए थे।
कारोबार को भी काफी नुकसान हुआ था। अब स्थानीय लोग भी उनका विरोध करने लगे हैं।
ऐसा लगता है कि एक तरफ से दिल्ली आक्रमण करने का माहौल बनाकर कुछ किया जा रहा है।
ट्रैक्टर में 1 साल का राशन भरकर जा रहे हैं। यह सही नहीं है।
ट्रैक्टर यातायात का साधन नहीं है। ट्रैक्टर खेती करने के लिए बनाया गया है।
किसान भी उनके हैं और जनता भी अपनी है।
लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीके से ही बातचीत होनी चाहिए।
तभी मुद्दे सुलझा पाते है, कुछ मुद्दे सुलझा भी नहीं पाते। जब दोनों की विचारधारा अलग-अलग हो तो मुद्दे नहीं सुलझते।
यह मसले विधानसभा और लोकसभा में उठना चाहिए।
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी की भी तारीफ की।
गुरनाम सिंह कहते हैं कि वे लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे और सदनों में अपनी आवाज रखेंगे।
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पंजाब सरकार की तरफ से आंदोलन का विरोध करने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रतिक्रिया।
पंजाब सरकार का अनुभव नया है, हमारा अनुभव पुराना है।
यदि एक साल उनके यहां भी इसी तरह का आंदोलन होगा तो हम पूछेंगे।
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सोनीपत के आसपास के खाप नेताओं की तरफ से किसानों के विरोध पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान हमारे कामों को देख रहे हैं। हमारा किसान सरकार से संतुष्ट है।।
आज प्रदेश में 14 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाता है। पंजाब के किसान भी अपनी सरकार से मांग करके इसे लागू करवाये।
हरियाणा में आज बाजारा, सब्जियां, मूंग तिल, सरसों, सूरजमुखी आदि पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाता है।
पराली जलाने के मामलों में भी हरियाणा सरकार ने काफी मेहनत की है।
हरियाणा में आज किसानों की जमीन जबरदस्ती नहीं ली जाती।
किसानों से सहमति पर ही जमीन लेते हैं। इसलिए पिछले 10 साल में जमीन को लेकर अधिग्रहण को लेकर प्रदर्शन नहीं हुआ।
हमारी सरकार का ज्यादा ध्यान सुधार की तरफ है।
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SYL नहर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का बयान।
आज हरियाणा का किसान पंजाब से सतलुज यमुना का पानी भी मांग रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसान नेता जगदीश सिंह दल्लेवाल के उसे बयान को राजनीतिक बताया जिसमें उन्होंने राम मंदिर को लेकर प्रधानमंत्री की प्रसिद्ध बढ़ाने की बात कही थी और अब उसे कम करने का मौका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दल्लेवाल का बयान राजनीति से प्रेरित लगता है। उनके विरोध करने से जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दूर नहीं होगी।
किसानों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगे मनवानी चाहिए।
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किसानों पर आंसू गैस का प्रयोग करना और बैरियर लगाने पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया।
हमें प्रदेश के कानून व्यवस्था की चिंता है। पिछले किसान आंदोलन में लाल किले पर जो कुछ हुआ था, ऐसे दृश्यों को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
हरियाणा सरकार ने पंजाब सरकार को भी किसानों से रोकने की सूचना दी थी।
कानून व्यवस्था बनाए रखना एजेंसियों का काम है।
जिन लोगों ने कानून की उल्लंगना की है, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
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किसानों को पंजाब सरकार के समर्थन पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया।
सीधे तौर पर तो नहीं कहा जा सकता कि उनके बीच में क्या बात हुई है। लेकिन पंजाब सरकार का जो व्यवहार है उसे पता चलता है कि वह समर्थन दे रही है।
उन लोगों ने आंदोलनकारी किसानों को नहीं रोका, तो दोनों के बीच में एक अंडरस्टैंडिंग दिख रही है।
आज शाम को 5:00 बजे चंडीगढ़ में जो बैठक हो रही है।
उम्मीद है कि उसमें समस्याओं का समाधान हो जाएगा।