अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि विदेशी कूटनीति में उनकी कोई सानी नहीं है। भारत को कतर में एक बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। ऐसी जीत जो आज से पहले कभी नहीं हुआ था।
प्रधानमंत्री मोदी की कोशिशें रंग लाई और कतर ने आठ भारतीयों को रिहा कर दिया। जिसमें से सात की वतन वापसी हो गई है और एक भी जल्द भारत वापस लाया जाएगा। कतर ने न केवल 8 भारतीयों की फांसी की सजा को पलट दिया बल्कि उनकी बाकी की सजा को माफ कर उन्हें भारत वापस भेज दिया। इन सारी कवायदों के बीच अक्टूबर और नवंबर का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण है। इन महीनों में ही कतर एयरवेज को जीएसटी इंटेलिजेंस ने 57 हजार टैक्स चोरी का नोटिस दिया था। इसके साथ ही ईडी की भी छापेमारी हुई थी।
जीएसटी इंटेलिजेंस ने थमाया नोटिस
जीएसटी इंटेलिजेंस टीमों ने कथित तौर पर भारतीय शाखा कार्यालयों द्वारा प्रधान कार्यालय से सेवाओं के आयात के कारण कथित कर चोरी के लिए विदेशी वाहकों के भारतीय कार्यालयों की तलाशी ली। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) के अधिकारियों ने एतिहाद, अमीरात, सऊदी एयरलाइंस, कतर एयरवेज, एयर अरबिया, ओमान एयर और कुवैत एयरवेज में तलाशी अभियान चलाया। कहा गया कि एयरलाइंस लीज रेंटल, क्रू शुल्क, ईंधन शुल्क आदि जैसे खर्चों की बुकिंग अपने मुख्य कार्यालय के लिए कर रही थीं और भारतीय कार्यालय से इसका शुल्क नहीं ले रही थीं। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के नियमों और धाराओं के अनुसार, भारत में एक कंपनी की स्थापना और देश के बाहर उसके समकक्ष को अलग-अलग कानूनी इकाई माना जाता है। इसका मतलब यह है कि किसी विदेशी एयरलाइन के मुख्य कार्यालय और उसके भारतीय शाखा कार्यालय के बीच लेनदेन को जीएसटी नियमों का पालन करना होगा। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) अधिनियम की अनुसूची 1 के अनुसार, भले ही किसी कंपनी के मुख्य कार्यालय और शाखा कार्यालय के भीतर बिना विचार किए कोई आपूर्ति हो, इसे कर उद्देश्यों के लिए आपूर्ति माना जाता है।
₹57,000 करोड़ की जीएसटी चोरी
इसके अगले ही महीने पूरे मामले में ईडी की एंट्री हो गई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कतर एयरवेज से उसके विदेशी लेनदेन से संबंधित दस्तावेज मांगे, जिनकी एजेंसी जांच कर रही है। ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत एयरलाइन से जानकारी मांगी। यह मुद्दा कतर एयरवेज द्वारा कथित कर चोरी से जुड़ा है, जिसमें जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशक (डीजीजीआई) ने पिछले महीने कतर एयरवेज सहित विदेशी वाहकों के कार्यालयों में तलाशी ली थी। कतर की एक अदालत द्वारा आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा सुनाए जाने के कुछ सप्ताह बाद ही वित्त मंत्रालय द्वारा 18 अक्टूबर को जारी एक बयान में कहा गया है कि डीजीजीआई ने अप्रैल 2020 से सितंबर 2023 तक ₹57,000 करोड़ की जीएसटी चोरी का पता लगाया है, जिसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों के 6,000 से अधिक फर्जी मामले शामिल हैं, जिसके कारण 500 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।