चंडीगढ़, 25 अक्तूबर- हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर हड़ताल में भाग लेने, कर्मचारियों को भडकाने तथा सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा डालने के आरोप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कार्यरत समिति के 6 पदाधिकारियों को नौकरी से तुरन्त प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।
श्री विज ने कहा कि इन कर्मचारियों की हड़ताल पूरी तरह से गैर कानूनी है और इस संबंध में एनएचएम के तहत काम करने वाले सभी कर्मचारियों को पहले ही आगाह कर दिया गया था। इन कर्मचारियों में एन.एच.एम एसोसिएशन के प्रधान सुरेन्द्र गौतम, उपप्रधान विजय कम्बोज, महासचिव अतुल गिजवानी, सदस्य विक्रम सोनी, तरनदीप सिंह तथा पुष्कर दहिया शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों को केन्द्र सरकार द्वारा संचालित राष्टï्रीय स्वास्थ्य मिशन में एक निश्चित अवधि के लिए अनुबंध आधार पर एक निश्चित कार्य हेतु रखा जाता है। इसके अलावा, उनके अनुबंध पत्र में यह भी साफ तौर पर लिखा हुआ है कि वे अपनी सेवाओं की नियमितीकरण का कोई दावा नही कर सकेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश तथा आसपास के प्रदेशों में डेंगू व चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियों का दुष्प्रभाव बना हुआ है, ऐसे में इनके द्वारा हडताल करना न केवल नैतिकता के खिलाफ है बल्कि समाज और बीमार लोगों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ करना है। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़ नही होने देंगे। इन उक्त पदाधिकारियों ने प्रदेश में चली आ रही मौजूदा व्यवस्था को तोडऩे, कर्मचारियों को भडक़ाने तथा स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित करने का कार्य किया है, इस आरोप में सरकार उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाने का विचार कर रही हैं। इसके अलावा जो भी कर्मचारी इस प्रकार से हडताल में भाग लेंगे उनके खिलाफ भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि कोई बाहरी ताकत इन कर्मचारियों को भडक़ाने का काम कर रहे है।
श्री विज ने कहा कि चिकित्सकों का भी हड़ताल पर जाना सही नही है, क्योंकि वे राजपत्रित अधिकारी है, लेबर नही है। चिकित्सकों की कोई मांग नही थी और जो भी हमारी घोषणा होती थी, वे उसी को अपने मांग पत्र में शामिल कर लेते थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा को लागू करते हुए हमने चिकित्सकों की आयु बढ़ाकर 58 से 65 वर्ष कर दी है। इसके अलावा, पोस्टमार्टम भत्ते को बढ़ाने की घोषणा भी मेरी अपनी थी, जिसको शीघ्र लागू कर दिया जाएगा। इसके तहत चिकित्सकों को एक हजार तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 500 रुपये दिये जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों या चिकित्सकों को किसी बाहरी हाथों में नही खेलने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को भी सम्भावित हड़ताल पर न जाने के लिए पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है। इसके बावजूद भी यदि कोई चिकित्सक हड़ताल करेगा तो उनके खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई की जाएगी, जिसके तहत उनके खिलाफ कर्मचारियों व चिकित्सकों को भडक़ाने तथा सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित करने के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किये जाएंगे।