प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी जैसे ही राज्यसभा में पहुंचे पूरा सदन ‘जय श्रीराम’ के नारे से गूंज उठा। पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर तंज कसते हुए कहा कि खड़गे का संबोधन बहुत ध्यान से सुन रहा था। उनके सुनकर बड़ा आनंद आया। पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर तंज कसा कि सदन में मनोरंजन की कमी सी लग रही है।
‘ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा’
प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन की शुरुआत में कहा कि राष्ट्रपति ने अपने भाषण में भारत के उज्जवल भविष्य के प्रति विश्वास को प्रकट किया है। कुछ साथियों के लिए आलोचना करना और कड़वी बातें करना उनकी मजबूरी हो गई है। उनके लिए भी मैं संवेदनाएं प्रकट करना चाहता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं उस दिन कह नहीं पाया, लेकिन आज मैं खरगे जी का विशेष धन्यवाद करता हूं। तंज कसते हुए कहा कि लोकसभा में जो मनोरंजन की कमी खल रही थी वो आपने पूरी कर दी। साथ ही कहा मुझे खुशी इस बात की थी कि खरगे बड़े आराम से इतना लंबा बोल गए। खरगे ने ऐसे में स्वतंत्रता का पूरा फायदा उठाया। पीएम मोदी ने कहा कि खरगे ने उस दिन सिनेमा का गाना सुना होगा- ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा।
मैं कांग्रेस पार्टी के लिए प्रार्थन करूंगा : पीएम मोदी
कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपको बंगाल से चैलेंज मिला है कि कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में 40 सीट भी नहीं जीत पाएगी। मैं आपके लिए प्रार्थना करूंगा की कांग्रेस पार्टी को 40 सीट मिल जाएं। साथ ही बोले कि आप लोग (विपक्ष) तैयारी से आए हैं, लेकिन मेरी आवाज को आप दबा नहीं पाएंगे। उस दिन दो-ढाई घंटे तक आप लोगों ने मुझ पर जो हमला किया था, आज मैं भी पूरी तरह तैयार होकर आया हूं। मेरी आवाज को आप दबा नहीं सकते।
अंग्रेजों से प्रभावित थी कांग्रेस
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अंग्रेजों से ही प्रभावित थी। आजादी के बाद भी देश में गुलामी की मानसिकता को किसने बढ़ावा दिया। अगर आप अंग्रेजों से प्रभावित नहीं थे, तो उनके द्वारा बनाए हुए सिविल कोड को आपने क्यों नहीं बदला। आप उनसे प्रभावित नहीं थे. तो ये लाल बत्ती व्यवस्था इतने सालों तक क्यों चली। शाम पांच बजे बजट की परंपरा क्यों चल रही थी। अगर आप अंग्रेजों से प्रभावित नहीं थे, तो आपने गुलामी की निशानियों को क्यों रहने दिया।अंडमान और निकोबार पर आज भी अंग्रेजों की सत्ता के निशान क्यों लटके पड़े थे। आज हम सबको बदल रहे हैं।