घटना आज से करीब 18 साल पहले 24 फरवरी 2004 की है. रात के करीब 2:45 बज रहे थे. दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (आईजीआईए) से फ्रैंकफर्ट जाने वाली फ्लाइट में यात्रियों की बोर्डिंग शुरू हो चुकी थी.
इन्हीं यात्रियों में हरबंस सिंह नाम का एक यात्री भी शामिल था, जो एक नाबालिग के साथ अमेरिका के लिए विमान में बोर्डिंग की तैयारी में था. हरबंस सिंह इस नाबालिग के साथ फ्लाइट में बोर्ड होने ही वाला था, तभी वहां सुरक्षा अधिकारी पहुंचते हैं और उन दोनों को फ्लाइट में बोर्ड होने से रोक देते हैं.
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, दोनों के दस्तावेजों की जांच में नाबालिग के पासपोर्ट पर लगी फोटो, ग्रीन कार्ड में लगी फोटो से अलग पाई जाती है. साथ ही, नाबालिग के फिंगर प्रिंट भी मैच नहीं करते हैं. इसके बाद, पुलिस को पूरा मामला समझने में देर नहीं लगती और हरबंस सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू होती है. नाबालिग से बातचीत में पता चलता है कि उसका नाम वह नहीं है, जो पासपोर्ट और ग्रीनकार्ड सहित अन्य दस्तावेजों में दिखाया जा रहा था. उसे यह सभी दस्तावेज स्वर्ण सिंह नामक एक एजेंट ने मुहैया कराए थे.
नाबालिग बच्चे को गैरकानूनी तरीके से भेजा जा रहा था अमेरिकाडीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, पूछताछ में पता चला कि स्वर्ण सिंह के कहने पर हरबंस सिंह बतौर कैरियर नाबालिग को लेकर अमेरिका जा रहा था. उसकी जिम्मेदारी नाबालिग को सकुशल अमेरिका तक पहुंचाने की है. मामले के खुलासे के बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने हरबंस सिंह को गिरफ्तार कर मास्टरमाइंड स्वर्ण सिंह की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी. वहीं, स्वर्ण सिंह को हरबंस सिंह की गिरफ्तारी की भनक लग चुकी थी, लिहाजा दिल्ली पुलिस उसके पास पहुंचती, उससे पहले वह अंडरग्राउंड हो गया. तमाम कोशिशों के बाद भी वह पुलिस के हाथ नहीं लगा. 2004 में कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया.
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस को मिला 18 साल से जारी मेहनत का फल
धीरे-धीरे 18 साल का वक्त बीत गया. आरोपी स्वर्ण सिंह को लगा कि अब मामला पूरी तरह से ठंडा हो गया है और वह एक बार फिर अपनी जिंदगी आजादी के साथ जी सकता है. लेकिन उसे यह नहीं पता था कि आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस आज भी उस पर नजर लगाए बैठी है. जैसे ही वह अपनी सामान्य जिंदगी में वापस आया, वैसे ही आईजीआई एयरपोर्ट को खबर लग गई. आईजीआई एयरपोर्ट थाना एसएचओ यशपाल सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर छापेमारी शुरू कर दी गई. आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने हरियाणा की कई लोकेशन में छापेमारी की. आखिर में, आरोपी को हरियाणा के कुरुक्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया.