रामलला प्राण प्रतिष्ठान के बाद से भक्तों की भारी भीड़ अयोध्या में उमड़ रही है। लोग भगवान राम का दर्शन करने को आतुर हैं। इसी बीच कैबिनेट मीटिंग के दौरान पीएम मोदी ने अपने सहयोगियों से अपील की है कि कम से कम मार्च तक अयोध्या में राम मंदिर का दौरा न करें। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आज कैबिनेट बैठक में पीएम मोदी ने अपने सभी मंत्रियों को फिलहाल अयोध्या राम मंदिर का दौरा करने से परहेज करने की सलाह दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि पीएम ने मंत्रियों को सुझाव दिया कि भारी भीड़ और प्रोटोकॉल वाले वीआईपी के कारण जनता को होने वाली असुविधा को रोकने के लिए, सभी केंद्रीय मंत्रियों को मार्च में अयोध्या जाने की अपनी यात्रा की योजना बनानी चाहिए ताकि भक्तों को दिक्कत न आए।
दर्शन के लिए रिकॉर्ड भीड़ उमड़ी
बता दें की प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन बाद 23 जनवरी को जब मंदिर जनता के लिए खुला तो करीब 5 लाख श्रद्धालुओं ने रामलला दर्शन किए। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि खुद सीएम योगी आदित्यनाथ को संज्ञान लेना पड़ा और बड़े अधिकारियों को अराजकता से बचने के लिए अयोध्या की ओर जाने वाली बसों को वापस भेजना पड़ा।
सैकड़ों वर्षों का इंतजार खत्म हुआ
बता दें कि अयोध्या में रामलला के आगमन का इंतजार 22 जनवरी को समाप्त हो गया। अभिजीत मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए गर्भ गृह में प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बैठे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चांदी का छत्र लेकर राम मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे थे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की मूर्ति का अनावरण किया। राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम की शुरुआत मंगल ध्वनि के बीच हुई। पांच साल पुरानी रामलला की भव्य पांच फीट ऊंची प्रतिमा का आखिरकार दुनिया के सामने अनावरण किया गया। यह समारोह शंखनाद और हेलीकॉप्टर द्वारा मंदिर पर फूलों की वर्षा के बीच पूरा हुआ।