टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति पर लगाया प्रतिबंध
सरकारी कॉलेजों में पहले ही 60 प्रतिशत से अधिक पद खाली
चंडीगढ़, 26 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के सरकारी कॉलेजों के साथ ही भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने एडिड कॉलेजों पर भी ताला लटकाने का षड्यंत्र रचना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने सभी एडिड कॉलेजों में टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति पर प्रतिबंध लगा दिया है। जबकि, सरकारी कॉलेजों में तो पहले से ही असिस्टेंट प्रोफेसर के 60 प्रतिशत से अधिक पद खाली पड़े हैं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के 97 एडिड कॉलेजों में टीचिंग व नॉन टीचिंग के खाली पदों को भरने के लिए समय-समय पर प्रक्रिया चलती रहती है। मैनेजमेंट यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक उच्चतर शिक्षा विभाग से मंजूरी लेकर भर्ती करती है और इसका मकसद यही रहता है कि छात्रों की पढ़ाई स्टाफ के बना बाधित न हो। इस समय भी विभाग ने कॉलेजों को अलग-अलग विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों व नॉन टीचिंग स्टाफ के खाली पदों को भरने की अनुमति दी हुई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कई कॉलेजों में तो यूनिवर्सिटी की एक्सपर्ट कमिटी इंटरव्यू लेकर भी जा चुकी और भर्ती अंतिम चरण में है। लेकिन, अचानक से प्रदेश सरकार ने तमाम अनुमति रद्द करते हुए भर्ती प्रक्रियाओं को बंद करने का फरमान सुना दिया है। इससे इन कॉलेजों में पढने वाले 02 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित होने की प्रबल संभावना बन गई हैं। खाली पद रहने से सरकारी कॉलेजों की तरह एडिड कॉलेजों में भी पढ़ाई का स्तर गिर जाएगा, जिससे छात्र संख्या भी घट सकती है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकारी कॉलेजों के लिए प्रदेश में आखिरी बार साल 2019 में सिर्फ 524 पदों पर कुछ ही विषयों के सहायक प्रोफेसर की भर्ती की गई थी। आधे से अधिक विषय ऐसे बचे हैं, जिनकी वैकेंसी 2016 के बाद से ही नहीं आई हैं। सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के 8137 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 4738 पद आज भी रिक्त हैं। निदेशक उच्चतर शिक्षा ने 1535 रिक्त पदों को भरने के लिए 02 सितंबर 2022 को आग्रह पत्र एचपीएससी को भेजा, लेकिन यूजीसी की गाइडलाइंस में संशोधन का हवाला देकर भर्ती को वापिस मंगा लिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक साल बीतने के बाद भी उक्त नियमों में संशोधन की प्रक्रिया को विभाग पूरा नहीं कर पाया है। सरकारी कॉलेजों में पक्की भर्ती करने में नाकाम रही भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार अब एडिड कॉलेजों में भी स्टाफ की शॉर्टेज करना चाहती है। उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों के भविष्य को देखते हुए राज्य सरकार को तुरंत प्रभाव से सरकारी कॉलेजों में खाली पदों को तुरंत स्थाई भर्ती से भरना चाहिए। इसके साथ ही एडिड कॉलेजों को भी नियमित भर्ती की इजाजत देनी चाहिए।
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:-The State Government is preparing to shut down aided colleges after government colleges:- Kumari Selja
:-The Students’ education is being affected Due to the lax system of the state government:-Kumari Selja
The state government is jeopardizing the future of students taking higher education:-Kumari Selja
:-The conspiracy is being hatched to close aided colleges in Haryana:-Kumari Selja
Chandigarh, 26th December
The General Secretary of the All India Congress Committee and former Union Minister Kumari Selja said that along with the government colleges in the state, the BJP-JJP Alliance government has also started conspiring to shut down aided colleges. The state government has imposed a ban on the appointment of teaching and non-teaching staff in all aided colleges. While in government colleges, more than 60% of assistant professor positions are already vacant.
In a statement released to the media, Kumari Selja said that the process of filling vacant teaching and non-teaching positions in 97 aided colleges of the state is ongoing periodically. The Higher Education Department recruits based on approval from the management and as per UGC guidelines to ensure students’ studies are not disrupted due to staff shortages. At this time, permissions were given to colleges to fill vacant positions for assistant professors in various subjects and non-teaching staff. In several colleges, the university’s expert committee has conducted interviews, and recruitment is in the final phase. However, suddenly the state government has heard orders to halt all recruitment processes, revoking previously granted permissions. This could severely impact the studies of more than 2 lakh students studying in these colleges. Just like government colleges, if positions remain vacant, the academic standards in aided colleges will decline, which might also reduce student enrollment.
Kumari Selja said that the last recruitment for assistant professors in only a few subjects was done in the state for government colleges in 2019, on just 524 positions. More than half of the subjects have vacancies that haven’t been filled since 2016. There are 8137 approved positions for assistant professors in government colleges, out of which 4738 positions are still vacant. The Director of Higher Education sent an appeal letter to the HPSC on September 2, 2022, to fill 1535 vacant positions but asked to return the recruitment citing amendments in the UGC guidelines. Despite a year passing, the department hasn’t completed the process of amending these rules. The BJP-JJP Alliance government, unsuccessful in permanent recruitment in government colleges, now wants to create a staff shortage even in aided colleges. Keeping in mind the future of students pursuing higher education, the state government should immediately fill the vacant positions in government colleges. Alongside this, aided colleges should also be given permission for regular recruitment.