गुटबाजी का लंबा इतिहास रखने वाली पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) में एक बार फिर तलवारें खिंच गई हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पीपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा है। बाजवा ने सिद्धू को नसीहत देते हुए कहा कि वो अपना नया अखाड़ा लगाना बंद करें।
लोक सभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी की लेकर के खिलाफ विपक्ष को एक जुट करने में जुटी कांग्रेस को बाजवा और सिद्धू के टकराव के रूप में नई टेंशन मिल गई है। बाजवा ने पूर्व पीपीसीसी अध्यक्ष सिद्धू के 25 साल पहले के मुख्यमंत्रियों पर निशाना साधने पर उन्हें आड़े हाथों लिया है।
दोराहा में आयोजित एक वार्षिक धार्मिक समारोह में भाग लेने पहुंचे बाजवा ने सिद्धू को घेरते हुए कहा,”पंजाब के लोगों ने जो रुतबा उन्हें दिया है, उसे संभाल कर रखें। मैच्योरिटी वाली बात करें। दो दिन बाद कांग्रेस ने पंजाब में धरने देने हैं। वहां स्टेज पर आकर अपने विचार रखें।” बाजवा ने आगे कहा, “पहले ही सिद्धू की प्रधानगी में कांग्रेस का जो हाल हुआ इस पर ध्यान दें। कांग्रेस 78 से 18 सीटों पर आ गई है।”
पार्टी के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए सिद्धू को निमंत्रण देते हुए बाजवा ने कहा कि उनका माननाहै कि जो लोग सिद्धू को सलाह दे रहे हैं, वे उन्हें एक अलग ‘अखाड़ा’ आयोजित नहीं करने के लिए भी कह रहे होंगे।
क्या है पूरा मामला?
बठिंडा के मेहराज में नवजोत सिद्धू ने रविवार को एक रैली की थी। इस दौरान उन्होंने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, कैप्टन अमरिंदर सिंह, चरणजीत सिंह चन्नी और मौजूदा सीएम भगवंत मान सहित अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा। सिद्धू ने कहा कि 30 साल में जितने भी सीएम आए, वे जीतते रहे, लेकिन उनके शासन में पंजाब हारता रहा। सिद्धू ने कहा,”ये सभी सीएम बनने आए और धंधा-बिजनेस करने लगे। यह सब करते हुए उन्होंने पंजाब को बेच दिया।”
क्या था बाजवा का रिएक्शन?
सिद्धू के इसी बयान पर प्रताप सिंह बाजवा ने उन्हें पार्टी से मिली इज्जत को बचाएं और मैच्योरिटी के साथ काम करने की नसीहत दी। बाजवा ने कहा कि पीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में सिद्धू ने कांग्रेस को 78 से घटकर 18 सीटों पर आते देखा है।
बाजवा के बयान पर सिद्धू का पलटवार
सिद्धू को जब बाजवा ने नसीहत दी तो वो भी कहां चुप बैठने वाले थे। जवाब में उन्होंने मालविंदर सिंह माली की एक पोस्ट को शेयर किया। जब सिद्धू पीपीसीसी चीफ थे तब माली को उनके सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। माली की पोस्ट में बाजवा के बयान को ‘भ्रामक’ बताया गया है। सिद्धू द्वारा शेयर की गई इस फेसबुक पोस्ट में बाजवा की आलोचना की गई है। पोस्ट में लिखा गया है,”पंजाब में कांग्रेस को 78 से 18 पर लाने के जिम्मेदार सिद्धू नहीं बाजवा की है। सिद्धू ने तो सिर्फ सरकार की नीतियों पर हमला किया है। बाकी सब परेशान क्यों हो रहे हैं?”