क्रिसमस और नए साल से पहले देश में कोरोना के मामले अचानक बढ़ने लगे हैं। पहला खतरनाक जेएन.1 वैरिएंट केरल में डिटेक्ट हो चुका है। एहतियातन केंद्र सरकार अलर्ट पर आ गई है। इसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आज सभी राज्यों के हेल्थ मिनिस्टर के साथ हाई लेवल मीटिंग की। इस उच्च स्तरीय बैठक में कोरोना के नए वैरिएंट के संक्रमण के खतरे और उससे निपटने की तैयारियों पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान मनसुख मंडाविया ने कहा कि हमें इस वायरस से सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। इस वायरस से निपटने के लिए केंद्र और राज्य को मिलकर काम करने की जरूरत है। जल्द ही अस्पतालों को तैयारियों की मॉक ड्रिल करनी शुरू होगी और बाहर से आने वाले लोगों के लिए राज्यों को आरटी-पीसीआर टेस्ट भी पर्याप्त मात्रा में बढ़ाने होंगे।
केंद्र द्वारा राज्यों को दिया गया आश्वासन
बैठक में मनसुख मंडाविया ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि हर 3 महीने में एक बार सभी अस्पताल मॉक ड्रिल करें। मनसुख मंडाविया ने केंद्र द्वारा राज्यों को पूरी सहायता करने का आश्वासन दिया। बढ़ रहे केस और नए वेरिएंट को लेकर बुलाई गई इस बैठक में असम, अरुणाचल, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, ओडिशा, गोवा, पुडुचेरी, तेलंगाना, कर्नाटक, मणिपुर, केरल सहित अन्य राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री शामिल हुए।
हेल्थ बुलेटिन में क्या कहा गया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को जारी किए अपने हेल्थ बुलेटिन में कहा कि मंगलवार को देश में कोरोना के 288 नए केस सामने आए। इस वायरस के कारण यूपी में एक और केरल में चार लोगों की मौत हुई। ताजा डेटा के मुताबिक कोरोना के एक्टिव केस देश में 1970 से ज्यादा हो गए हैं। यह आंकड़ा कहीं न कहीं चिंताजनक है। सबसे ज्यादा नए केस केरल से डिटेक्ट हुआ है जहां कल 115 मरीज कोविड पॉजिटिव पाए गए।
उत्तराखंड में अलर्ट
कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार भी अलर्ट हो गई है। उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए एडवाइजरी और कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि कुछ राज्यों में जेएन-1 सब-वेरिएंट के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में प्रदेश के सभी जिलों और अस्पतालों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कोरोना की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास करने को कहा गया है।
स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि अस्पतालों में कोविड से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का पालन करें। साथ ही सांस, हृदय रोगियों, और फेफड़े की बीमारी से ग्रसित रोगियों की निगरानी की जाए। उनके इन्फ्लूएंजा की जांच की जाए। अस्पतालों से ऐसे मरीजों की सभी जानकारी इंटीग्रेटिड हेल्थ इंफोरमेशन प्लेटफार्म पोर्टल में दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।