चीन और पाकिस्तान के बीच संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं। पाक की अमेरिकी से फिर से बढ़ रही नजदीकी से चीन नाराज हो गया है। शायद यही वजह है कि चीन ने रक्षा उपकरणों की भुगतान में देरी होने पर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है।
चीन ने पाकिस्तान को आगाह किया है कि समय पर भुगतान न होने पर वह उसकी सेना के लिए रक्षा उपकरण के सप्लाई रोक सकता है। न्यूज-18 की रिपोर्ट के मुताबिक इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी मुलाकात की थी और समय पर भुगतान की करने की बात की गई थी।
गौरतलब है कि पाकिस्तान पर चीन का लगभग 1.5 बिलियन डॉलर का कर्ज है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान पर दबाव बनाना चीन की एक “रणनीति” का हिस्सा हो सकता है। न्यूज 18 के सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में चीन और पाकिस्तान के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। बैठक में तोपखाने से लेकर मिसाइल प्रणालियों तक अपनी रक्षा आवश्यकताओं के लिए पाकिस्तान ने चीन पर भारी निर्भरता को लेकर उल्लेख किया। कहा जा रहा है कि यदि कर्ज का गतिरोध लंबा चला, तो पाकिस्तान के लिए परेशानी बढ़ सकती है। इससे न सिर्फ देश की प्रमुख रक्षा प्रणाली पर ग्रहण लग सकता है, बल्कि दोनों देशों के बीच संबंधों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
आपको बता दें कि चीन पिछले कुछ समय से पाकिस्तान को उसकी सैन्य क्षमताएं बढ़ाने में काफी मदद कर रहा है। उधर भारतीय नौसेना प्रमुख ने हाल में नौसैनिक क्षमताओं में पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ते संबंध पर भी प्रकाश डाला था। मेजर जनरल अशोक कुमार (रिटायर्ड) ने कहा कि पाकिस्तान सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन दे सकता है, लेकिन चीन को अपने पैसे का कोई रिटर्न नहीं दिख रहा है और सुरक्षा के मोर्चे पर भी कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। चीन यह भी जानता है कि वह रक्षा उपकरणों की क्रेडिट-आधारित आपूर्ति या सीपीईसी पर पाकिस्तान से समर्थन वापस नहीं ले सकता है।