Viswanathan Anand Birthday: शतरंज की दुनिया के बादशाह कहे जाने वाले विश्वनाथ आनंद का आज जन्मदिन है। 11 दिसंबर 1969 में तमिलनाडु के छोटे शहर मयिलाडुथराई में विश्वनाथ आनंद का जन्म हुआ था। शतरंज के खेल में विश्वनाथ आनंद ने कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। विश्वनाथ आनंद बचपन से ही शतरंज के शौकीन रहे हैं।
मां का रहा था अहम योगदान: विश्वनाथ आनंद को शतरंज का बादशाह बनाने में उनकी मां सुशीला विश्वनाथन का अहम योगदान रहा था। इस जादूई खेल में विश्वनाथ आनंद को सबसे पहले उनकी मां ने ही भेजा था। विश्वनाथ आनंद जब महज 6 साल के थे तो उनकी मां ने चेस बोर्ड पर बिसात बैठाने की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी थी।। सुशीला विश्वनाथन अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन विश्वनाथ आज भी उन्हें याद कर भावुक हो जाते हैं। बता दें कि विश्वनाथन आनंद की मां सुशीला विश्वनाथन का 79 साल की उम्र में नींद में निधन हो गया था।
पहली बार कब बने थे ग्रैंडमास्टर: साल 1988 में पहली बार विश्वनाथ आनंद ग्रैंडमास्टर बने थे। भारत का पहला ग्रैंड मास्टर बनना आनंद के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। साल 1991 में रेगिओ एमिलिआ टूर्नमेंट का खिताब जीतना विश्वनाथ आनंद के करियर का सबसे बड़ा ट्रनिंग प्वाइंट साबित हुआ था। इसके बाद साल 2001 में क्लासिक वर्ल्ड रैपिड चैंपियनशिप टूर्नामेंट नॉकआउट फॉर्मेट में आयोजित किया गया। जिसमें आनंद ने ईरान के तेहरान में खिताब के लिए स्पेन के अलेक्सेई शिरोव को हराया था।
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित: विश्वनाथ आनंद पहले ऐसे खिलाड़ी थे जिन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्हें पद्मश्री मिला था। शतरंज के माहिर खिलाड़ी के तौर पर विश्वनाथ आनंद को लोग विशी के नाम से भी जानते हैं। पांच बार वर्ल्ड चैंपियन रहे विश्वनाथ आनंद ने अपने करियर के दौरान कई बड़ी उपलब्धि हासिल की है। साल 2000, 2007, 2008, 2010 और 2012 में विश्वनाथ आनंद वर्ल्ड चैंपियन बने थे।
ओबामा ने लंच पर बुलाया: अनंत पहले ऐसे खिलाड़ी थे जिन्हें साल 2010 में तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लंच पर न्योता दिया था। वेस्टब्रिज आनंद एकेडमी विश्वनाथ आनंद ने द्वारा खोला गया है। इस अकादमी के लिए विश्वनाथ आनंद ने पांच खिलाड़ियों का चयन किया है। जिसे अनंद खुद ट्रेनिंग देते हैं। इसके साथ ही हर साल वह योग्य खिलाड़ियों का चयन इस अकादमी में करते हैं। आनंद के नाम से एक ग्रह का भी नाम रखा गया है जिसे 4536 विशीआनंद आनंद नाम दिया गया है।
आनंद की बड़ी उपलब्धियां
1985 में अर्जुन अवॉर्ड.
1987 में पद्मश्री पुरस्कार.
1991-92 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड.
2000 में पद्म भूषण अवॉर्ड.
2007 में पद्म विभूषण अवॉर्ड.
1987 में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड और नेशनल सिटीजंस अवॉर्ड.
1998 में आनंद की पुस्तक ‘माई बेस्ट गेम्स ऑफ चेस’ के लिए ब्रिटिश चेस फेडरेशन का ‘बुक ऑफ द ईयर अवार्ड’.
1997, 1998, 2003, 2004, 2007, 2008 में चेस ऑस्कर अवार्ड