09 महीने में निर्धारित बजट का 10 फीसदी भी नहीं खर्च कर सके
तूड़ा और पराली महंगा होने से साढ़े 04 लाख गोवंश पर मंडराया खतरा
चंडीगढ़, 8 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की गौशालाओं में चारे का संकट बना हुआ है और भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार मौन धारण किए हुए है। गौशाला संचालक सितंबर महीने से ग्रांट की दूसरी किस्त जारी करने की फरियाद कर रहे हैं, लेकिन उन्हें एक कोड़ी भी नहीं दी जा रही है। इसकी वजह से साढ़े 04 लाख गोवंश के सामने भूखे रहने की नौबत आने लगी है जबकि, प्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष के शुरुआती 09 महीने में निर्धारित बजट का 10 प्रतिशत भी गायों पर खर्च नहीं कर सकी है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने फरवरी माह में बजट पेश करते हुए गायों व गोशालाओं के लिए बजट में दस गुणा से अधिक बढ़ोतरी करने का दावा करते हुए 456 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। लेकिन, पहली किस्त के रूप में अब तक सिर्फ साढ़े 41 करोड़ रुपये ही गोशालाओं को चारे की मद के तौर पर मिले हैं। जबकि, सितंबर महीने से ही तूड़ा-पराली की खरीद के लिए गौशाला महासंघ की ओर से ग्रांट की मांग सरकार व गौशाला आयोग से की जा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गायों व गोशालाओं की वास्तविक स्थिति बताए जाने के बावजूद प्रदेश सरकार व गौशाला आयोग सिर्फ जल्द ग्रांट जारी होने का आश्वासन दे रहे हैं। डिमांड करते 3 महीने से अधिक समय बीतने पर भी अभी तक दूसरी किस्त सरकार की ओर से जारी नहीं की गई है। इधर, चारे को लेकर जमीनी हकीकत यह है कि अब तूड़ा व पराली किसानों के पास से व्यापारियों के पास पहुंच चुकी है, जो डेढ़ से दोगुना तक कीमत वसूलने लगे हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि ग्रांट जारी न होने से प्रदेश की 658 गोशालाओं में रखे गए साढ़े 4 लाख बेसहारा गोवंश के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है। गौशाला संचालकों के लिए इनका पेट भरना मुश्किल होने लगा है। बार-बार की गुहार के बावजूद न तो ग्रांट ही जारी की जा रही और न ही बिना प्रयोग के पड़े 90 प्रतिशत से अधिक बजट को खर्च करने की दिशा में कोई प्लान तैयार किया जा रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बात किसी से भी छिपी नहीं है कि पिछले वित्तीय वर्ष में भी गायों के लिए तय किए गए बजट 40 करोड़ में से सिर्फ 33 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए थे और बाकी 7 करोड़ रुपये ग्रांट लैप्स हो गई थी। इससे साफ पता चलता है कि गठबंधन सरकार गायों के नाम का प्रयोग सिर्फ अपने चुनावी फायदे के लिए करना जानती है। बाकी गौ सेवा से उसका कोई भी लेना-देना नहीं है।
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:-The Crisis in Haryana Cow Shelters as Fodder Shortage Hits, alliance Government Maintains Silence:-Kumari Selja
:-The Only10% of Allocated Budget Spent in Last 9 Months:-Kumari selja
:-The Rising Prices of Fodder and Straw Threaten Hunger for Over 4 Lakh Cow Progeney:- Kumari Selja
:-The BJP Government Displays Negative Attitude Even Towards Helpless cow progeny:-Kumari Selja
:-The State Government’s Reluctance to Spend Cow Shelter Budget Raises Questions on BJP’s Intentions:-Kumari Selja
Chandigarh, 8th December
The General Secretary of the All India Congress Committee and former Union Minister Kumari Selja said that there is a crisis of fodder in the state’s cow shelters, and the BJP-JJP alliance government is maintaining silence.The Cow Shelter operators have been requesting the release of the second installment of grants since September, but they are not being given any amount. This has led to the possibility of more than 400,000 Cow facing hunger. Meanwhile, the state government has not been able to spend even 10% of the allocated budget on cows in the initial 9 months of the financial year.
In a statement released to the media, Kumari Selja said that the state government had claimed an increase of more than tenfold in the budget for cows shelters, from 456 crores in the February budget presentation. However, so far, only 41 crores have been allocated for fodder to cow’s shelters as the first installment. While demands for grants have been made by the cow’s shelter association since September for the purchase of fodder and straw, the government and the cow’s shelter commission are yet to issue any grants. Despite being informed about the actual condition of cows shelters, the state government and cow’s shelter commission are only assuring a prompt release of grants. Even after more than 3 months have passed since the demand, the second installment has not been released by the government. Regarding the reality of fodder, it is evident that it has reached traders from the farmers, who have started charging one and a half to double the price. Kumari Selja said that due to the non-release of grants, a crisis of fodder has arisen for more than 400,000 destitute cow progeny in the state’s 658 Cow’s shelters. It has become increasingly difficult for shelter operators to feed them. Despite repeated appeals, neither grants have been released nor any plan has been made to spend more than 90% of the budget without wastage. The former Union Minister said that it is no secret that even in the last financial year, out of the budget allocated for cows of 40 crores, only 33 crores were spent, and the remaining 7 crores lapsed. This clearly indicates that the coalition government uses the name of cows only for their electoral gains. There is no actual concern for cow welfare. Selja said that due to the stubbornness of the government, the general public was already troubled, but due to BJP’s authoritarianism, even destitute Cow progeny are distressed. If the government continues with this attitude, the situation of the country and the state could become even more pitiable, and the present Government will be responsible for all these circumstances, for which ultimately the BJP will have to pay the price.