Qatar Indian Navy Officers: कतर में मौत की सजा पाए आठ भारतीय नौसैनिकों की तीसरी सुनवाई गुरुवार को दोहा की अपील अदालत में हुई और अगली सुनवाई जल्द ही कैसेशन कोर्ट में होने की उम्मीद है, जिसके बाद काफी ज्यादा उम्मीद बन गई है, कि इंडियन नेवी के पूर्व अफसरों की भारत वापसी का रास्ता साफ हो सकता है और उनके गले में फांसी का जो फंदा लटका हुआ है, वो हट सकता है।
कैसेशन कोर्ट, कतर की सबसे बड़ी अदालत है, भारत के लिहाज से उसे सुप्रीम कोर्ट कह सकते हैं। कतर के इस कोर्ट में ज्यादातर मामले अपील के ही आते हैं, लिहाजा इसे सर्वोच्च अपीलीय अदालत कहा जाता है। ऐसी अदालतें किसी मामले के तथ्यों की दोबारा जांच नहीं करतीं, बल्कि वे केवल प्रासंगिक कानून की व्याख्या करते हैं। यानि, इसमें केस की सुनवाई नहीं होगी, बल्कि कानून की व्याख्या की जाएगी, कि क्या जिस कानून के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है, क्या वो कानून लागू होते हैं या नहीं?
18 दिसंबर को होगी रिहाई?
इंडियन नेवी के पूर्व अफसरों की रिहाई को लेकर संभावनाएं इसलिए काफी ज्यादा बढ़ गई हैं, क्योंकि पिछले हफ्ते दुबई में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमास अल थानी के बीच मुलाकात हुई थी और दोनों नेताओं में काफी अच्छे संबंध हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने अरब देशों के साथ काफी अच्छे संबंध बनाए हैं और कतर से भी भारत के संबंध काफी मजबूत हो चुके हैं।
अमीर शेख तमीम बिन हमास अल थानी से मुलाकात के बाद भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, कि “द्विपक्षीय साझेदारी की संभावना और कतर में भारतीय समुदाय की भलाई पर हमारी अच्छी बातचीत हुई।” जबकि, न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में भारत के शीर्ष सूत्रों के हवाले से कहा गया है, कि “अगली सुनवाई (कैसेशन कोर्ट में) चीजें और अधिक स्पष्ट हो जाएंगी।” इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी और शेख तमीम बिन हमास अल थानी के बीच हुई मुलाकात के बाद अब 18 दिसंबर पर सभी की निगाहें टिक गई हैं। दरअसल, 18 दिसंबर कतर का राष्ट्रीय दिवस है और इस दिन कतर के अमीर, सजायाफ्ता कैदियों को माफ़ी देते हैं। लिहाजा, पूर्व सैनिकों के परिवारों को उम्मीद है, कि उन्हें माफ़ कर दिया जाएगा और वापस भारत भेज दिया जाएगा। परिवार के कुछ सदस्यों ने पूर्व में माफी के लिए दया याचिका भी दायर कर रखी है। और चार दिन पहले कतर ने भारतीय राजदूत को नौसैनिकों से मिलने की इजाजत भी दी थी, लिहाजा 18 दिसंबर को लेकर काफी उम्मीदें बन गई हैं। अपील पर अब तक तीन सुनवाई 23 नवंबर, 30 नवंबर और 7 दिसंबर को हुई है और अगली सुनवाई बहुत जल्द होने वाली है। इससे पहले भारत की तरफ से मामले को संवेदनशील बताते हुए कहा गया था, कि इंडियन नेवी के पूर्व अफसरों को लेकर कतर की कोर्ट में सभी कानूनी विकल्पों को तलाशा जा रहा है। हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है, कि क्या पीएम मोदी ने कतर के अमीर से मुलाकात के दौरान, पूर्व नेवी अफसरों का मुद्दा उठाया था या नहीं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक काफी उम्मीद इस बात को लेकर है, कि पूर्व अफसरों को रिहाई मिल जाएगी।