Canada India US Khalistan: अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने एक खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या की साजिश को फेल करने की बात कहते हुए, एक अज्ञात भारतीय अधिकारी के ऊपर हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया है और उसने कहा है, कि निखिल गुप्ता नाम के एक शख्स को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया है, जिसने एक अमेरिकी एजेंट को खालिस्तानी नेता की हत्या की सुपारी दी थी।
हालांकि, अमेरिका ने ना ही उस भारतीय अधिकारी का ही नाम बताया है और ना ही उस खालिस्तानी नेता के नाम का खुलासा किया है, मगर अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है, कि वो खालिस्तानी नेता न्यूयॉर्क में रहता है और भारत में उसके संगठन के खिलाफ प्रतिबंध लगा हुआ है। हालांकि, भारत सरकार की तरफ से अभी तक अमेरिका के प्रेस रिलीज पर बयान नहीं आया है, लेकिन कनाडा की तरफ से प्रतिक्रिया आ गई है।
कनाडा की तरफ से क्या बयान आया?
कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत से ब्रिटिश कोलंबिया में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में फिर से सहयोग करने के लिए कहा है, जब अमेरिका ने दावा किया है, कि उसने अपनी धरती पर एक सिख अलगाववादी के खिलाफ हत्या के प्रयास को विफल कर दिया है।
ट्रूडो ने बुधवार को ओटावा में संवाददाताओं से कहा, कि “संयुक्त राज्य अमेरिका से आ रही खबरें इस बात को और रेखांकित करती हैं, कि हम शुरू से ही किस बारे में बात कर रहे हैं, यानी कि भारत को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।” ट्रूडो का बयान, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा एक भारतीय नागरिक पर सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की साजिश का आरोप लगाने के बाद आया है, जो एक अमेरिकी नागरिक है और भारत सरकार द्वारा उसे आतंकवादी नामित किया गया है। अमेरिकी अटॉर्नी के कार्यालय ने बुधवार को कहा, कि निखिल गुप्ता को चेक अधिकारियों ने जून में गिरफ्तार किया था और वह प्रत्यर्पण का इंतजार कर रहा है। अमेरिका के ये आरोप कनाडा के यह कहने के लगभग दो महीने बाद आए हैं, कि जून में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के “विश्वसनीय” आरोप थे। भारत ने उस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है, और कनाडा से ठोस सबूत देने को कहा है।
भारत की प्रतिक्रिया पहली नजर में कैसी है?
वहीं, न्यूज 18 की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है, कि भारत निखिल गुप्ता और अमेरिका के आरोपों पर बारीकी से देख रहा है। हालांकि, यह दावा करना, कि भारतीय एजेंसियों ने निखिल गुप्ता को पन्नून को मारने का काम सौंपा था, धृष्टतापूर्ण है। गुप्ता के प्रत्यर्पण के लिए चेक गणराज्य पर अमेरिकी दबाव के बावजूद, भारतीय अधिकारी उसके खिलाफ सबूतों की कमी पर जोर दे रहे हैं। सूत्रों का कहना है, कि नई दिल्ली और वाशिंगटन अपने संबंधों में किसी भी तनाव को रोकने के लिए निरंतर संपर्क बनाए हुए हैं। बुधवार को, भारत ने कहा है, कि वह अमेरिका से सुरक्षा मामलों पर इनपुट को गंभीरता से लेता है, क्योंकि वे उसकी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं पर भी असर डालते हैं। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने ये टिप्पणियां उस रिपोर्ट के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कीं, जिसमें अमेरिका ने अमेरिकी धरती पर पन्नुन को मारने के प्रयास को विफल कर दिया था। सुरक्षा मामलों पर भारत और अमेरिका के बीच चर्चा के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, कि “भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग पर हालिया चर्चा के दौरान, अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए।” उन्होंने कहा कि इनपुट दोनों देशों के लिए चिंता का कारण थे और उन्होंने आवश्यक फॉलोअप कार्रवाई करने का निर्णय लिया।