सांप निकलने के बाद लकीर पीटने में जुट जाती हैं पुलिस, पीड़ित पक्ष बता चुका है अवैध शराब बेचने वालो के नाम
सिरसा के नशा मुक्ति केंद्र में मुख्यमंत्री के समक्ष भी पीड़ित ने बताई थी नशा तस्करों को पुलिस की संरक्षण की बात
चंडीगढ़, 13 नवंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में सत्ता पक्ष और पुलिस की मिलीभगत से ही नशे का अवैध धंधा जारी है अगर पुलिस चाहे तो उसकी बिना मर्जी के पत्ता तक नहीं हिल सकता। शराब कांड पीड़ित ने अपने बयान में शराब बेचने वाले और उन्हें संरक्षण देने वालों के नाम तक बताए है। सिरसा के नशा मुक्ति केंद्र में पिछले दिनों मुख्यमंत्री के समक्ष भी एक पीड़ित मरीज ने बताया था कि नशा तस्करों को पुलिस का संरक्षण मिला हुआ है। दो दिन पूर्व सिरसा के रोड़ी क्षेत्र के एक गांव में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई क्योंकि उसने पुलिस को नशा तस्करों के बारे में जानकारी दी थी। एक ओर पुलिस दावा करती है कि सूचना देने वालों का नाम पता गुप्त रखा जाएगा और दूसरी ओर पुलिस ही नशा तस्करों को सूचना देने वाली की पूरी कुंडली थमा देती है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि यमुनानगर-अंबाला में जहरीली शराब कांड में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और अनेक लोग आंखों की रोशनी खो चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां भी नशे का कारोबार होता है उसे सत्ता पक्ष और पुलिस का संरक्षण मिला होता है, बिना पुलिस संरक्षण के कोई गलत कार्य के बारे में सोच भी नहीं सकता। यमुनानगर शराब कांड के एक पीड़ित ने तो पुलिस को अवैध रूप से शराब बेचने वाले और उनको संरक्षण प्रदान करने वालों के नाम पते तक बताए है और भी बताया कि अवैध शराब तस्करों के कारिंदे किस प्रकार 20-20 रुपये में घर घर शराब पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सिरसा में नागरिक अस्पताल में बने नशा मुक्ति केंद्र का दौरा किया था तब एक पीड़ित मरीज ने उन्हें बताया था कि पुलिस संरक्षण में ही नशे का कारोबार चल रहा है, शिकायत करने पर मारपीट की जाती है, उसने तो यहां तक बताया था कि नागरिक अस्पताल के सामने खुले में नशे का धंधा चलता है, तब सीएम सख्त रुख अपनाते हुए कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे नगर परिषद ने जेसीबी चलाकर अवैध कब्जे हटा दिए पर पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। दो दिन पूर्व रोड़ी क्षेत्र के एक गांव में एक व्यक्ति की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि उसने नशा बेचने वालों की शिकायत पुलिस से की थी।
यमुनानगर और अंबाला शराब कांड के बाद जब सरकार पर उंगलियां उठने लगी तो सरकार ने पुलिस पर शिकंजा कसा और पुलिस हरकत में आई, पुलिस की 843 टीमों ने प्रदेशभर में 3110 स्थानों पर छापे मारे और 210 लोगों को गिरफ्तार किया, अगर पुलिस ने इतनी ही सक्रियता पहले दिखाई होती तो 19 लोगों की जान न जाती और न ही कुछ लोगों को अपनी आंखों की रोशनी से हाथ धोना पड़ता। उन्होंने कहा कि पुलिस को सब पता होता है कि कौन नशा बेच रहा है और कौन बिकवा रहा है, नशा तस्करों पर अंकुश लगाने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है, पुलिस छोटी मोटी मछलियों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपा रही है जबकि बड़े मगरमच्छ सरकारी संरक्षण में खा-खा कर मोटे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सांप निकलने के बाद लकीर पीटने में लग जाती है या प्यास लगने पर कुआं खोदने में लग जाती है, अगर सरकार ने पहले ही अपना काम ईमानदारी से किया होता तो ऐसे हालात ही पैदा न होते। सरकार हर बार जांच का आदेश देकर पल्ला झाड़ लेती है, जांच पर जांच का खेल चलता है सरकार आज तक सोनीपत जहरीली शराब कांड की जांच रिपोर्ट तक सार्वजनिक नहीं कर पाई है क्योंकि उसमें अपने ही लोगों की भूमिका पर उंगली उठाई गई थी। प्रदेश की जनता जहरीली शराब कांड का दर्द हर बार झेलती है हर बार कांड होते है और सरकार जांच के नाम पर कागजों का पेट भरती रहती है, आज जनता न्याय मांगती है।