Telangana Election 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम केसीआर की भारत राष्ट्र समिति ()BRS) और कांग्रेस पर हमला करते हुए मंगलवार (7 नवंबर) को बीजेपी की जीत का दावा किया. उन्होंने कहा कि तेलंगाना में पहली बार बीजेपी का अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का मुख्यमंत्री होगा.
पीएम मोदी ने हैदराबाद में कहा, ”कांग्रेस और बीआरएस कभी पिछडे़ वर्ग से आने वाले शख्स को सीएम नहीं बनाएगी.” उन्होंने इस दौरान दावा किया कि कांग्रेस और बीआरएस मिली हुई है. दोनों के डीएनए में तीन बातें कॉमन हैं. ये भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण और परिवारवाद है.
ओबीसी को लेकर पीएम मोदी क्या बोले?
पीएम मोदी ने कहा कि ये NDA और BJP ही है जो ओबीसी हितों का सबसे ज्यादा ध्यान रखती है. उन्हें सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व देती है. उन्होंने कहा, ”केंद्र की एनडीए सरकार में 27 ओबीसी मंत्री हैं, जो आजादी के बाद सबसे ज्यादा हैं. आज देश में बीजेपी के 85 ओबीसी सांसद हैं. आज देश में बीजेपी के 365 ओबीसी विधानसभा सदस्य हैं.”
मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय राज्य मंत्री और केंद्रीय स्वतंत्र प्रभार मिलाकर 77 मंत्री हैं. अगर 27 मंत्री ओबीसी समाज से आते हैं तो ऐसे में ये करीब 35 फीसदी हुआ.
उन्होंने आगे कहा कि हमारे कुम्हार हों, सुनार हों, सुथार हों, मूर्तिकार हों, कपड़े धोने वाले हों, कपड़े सिलने वाले हों, जूते बनाने वाले हों, बाल काटने वाले हों और ऐसे बहुत से साथी BC समुदाय से ही आते हैं. ऐसे लोगों के लिए ही बीजेपी सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना बनाई है.
कांग्रेस ने क्या आरोप लगाए हैं?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित अन्य विपक्षी दल देश में जातिगत जनगणना की मांग करते हुए कह रहे हैं कि केंद्र सरकार ने ओबीसी वर्ग के लिए कोई काम नहीं किया है. हमारे तो चार में से तीन सीएम ओबीसी वर्ग से आते हैं.
पीएम मोदी क्या कुछ बोले?
पीएम मोदी ने दावा किया कि केसीआर सरकार ने रोजगार और पीने का पानी लोगों को उपलब्ध कराने के मामले में धोखा दिया है. ऐसे में तेलंगाना के लोगों ने बदलाव का मन बना लिया है.
उन्होंने बीआरएस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि 30 नवंबर को राज्य में इस ‘एंटी-बीसी’ विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने की जरूरत है.
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि तेलंगाना में बदलाव की जो आंधी चल रही है, उसे इस विशाल जनसभा में भी महसूस किया जा सकता है. आप लोग तेलंगाना के कोने-कोने से आए हैं और अपने साथ एक स्पष्ट संदेश भी लाए हैं. तेलंगाना का विश्वास अब बीजेपी पर है.