पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनावों के बीच केंद्र में सत्ताधारी मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत दिए जाने वाले मुफ्त राशन की अवधि अगले और पांच वर्षों के लिए बढ़ाने का ऐलान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार और रविवार को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की अपनी रैलियों में कहा है, ‘अगले पांच वर्षों तक हमारे देश के 80 करोड़ लोगों के चूल्हे जलते रहेंगे। यह मोदी की गारंटी है।’
कोविड महामारी के दौरान शुरू की गई थी यह योजना
2020 में जब देश कोविड-19 महामारी की चपेट में था तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून, 2013 (NFSA)के तहत योग्य राशन कार्डधारियों को अतिरिक्त 5 किलो मुफ्त अनाज देने के लिए यह योजना शुरू की गई थी। पिछले साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले इस योजना को बढ़ाकर दिसंबर 2022 तक के लिए जारी रखा गया था।
इसके बाद इसे फिर से बढ़ाकर 2023 दिसंबर तक कर दिया गया और फिर इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के साथ मिला दिया गया था।
मोदी सरकार का चौंकाने वाला फैसला
अब जब अगले महीने यह योजना खत्म होने वाली थी, तो पीएम मोदी ने इसे पूरे पांच साल के लिए बढ़ाने की घोषणा करके खासकर विपक्षियों को चौंका दिया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अभी दो तरह के राशन कार्डधारियों को शामिल किया जाता है। एक तो एनएफएसए के तहत अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के लाभार्थी और दूसरे प्राथमिकता वाले परिवार (Priority Households-PHH)।
करीब दो-तिहाई आबादी को 5 वर्षों के लिए राशन की चिंता से मुक्ति
अब एनएफएसए के दायरे में देश के करीब 20 करोड़ परिवार आते हैं, जिनके कुल लाभार्थियों की संख्या 81.35 करोड़ है। यह देश की आबादी के करीब दो-तिहाई हैं। यानि एक ही झटके में पीएम मोदी ने 50% शहरी और 75% ग्रामीण आबादी को 2028 के दिसंबर तक भोजन के लिए राशन की चिंता से मुक्त कर दिया है। अंत्योदय अन्न योजना के दायरे में आने वाले परिवार हर महीने 35 किलो अनाज पाने के हकदार हैं, चाहे परिवार में सदस्यों की संख्या कुछ भी हो। जबकि, प्राथमिकता वाले परिवार में प्रति सदस्य 5 किलो महीने अनाज उपलब्ध करवाए जाने की व्यवस्था है। पहले पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त राशन इसके अतिरिक्त दिया जाता था। जबसे, 2020 में पीएमजीकेएवाई लागू हुआ, केंद्र सरकार सेंट्रल पूल से 1,118 लाख मीट्रिक टन अनाज जारी कर चुकी है, जिसकी लागत 3.9 लाख करोड़ रुपए है। इस साल जनवरी में पीएमजीकेएवाई को एनएफएसए के साथ मिला दिया गया और महामारी के दौरान शुरू किए गए अतिरिक्त अनाज देने की व्यवस्था खत्म करके एएवाई और पीएचएच परिवारों को मिलने वाले सारे राशन मुफ्त में दिए जाने लगे। यानि अब 5 किलो प्रति सदस्य और 35 किलो प्रति परिवार अनाज पूरी तरह से मुफ्त में दिया जाता है।
2024 चुनाव के लिए मास्टरस्ट्रोक!
पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान की गई यह घोषणा, 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी सरकार के लिए बहुत बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। गौरतलब है कि अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों का निर्धारण केंद्र के मापदंडों के हिसाब से होता है और प्राथमिकता वाले परिवार राज्य सरकारों की ओर से तय किए जाते हैं।
क्योंकि, पीएमजीकेएवाई का लाभ ऊपर बताए गए लोगों के अलावा जनजातीय परिवारों, सभी भूमिहीन खेतिहर मजदूरों, सीमांत किसानों, ग्रामीण कारीगरों, शिल्पकारों जैसे कि कुम्हार, चर्मकार, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले और अनौपचारिक क्षेत्र में दैनिक आधार पर रोजी-रोटी कमाने वाले लोग जैसे कि कुली, रिक्शा चलाने वाले, हाथ से गाड़ी खींचने वाले और ग्रामीण और शहरी दोनों ही इलाकों के अन्य समान श्रेणियां में आने वाले लोग भी इसके दायरे में आते हैं।