अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में आठ फुट ऊंचा संगमरमर का सिंहासन होगा, जिसके ऊपर सोने की परत चढ़ी रहेगी। संगमरमर का सिंहासन राजस्थान के कारीगरों द्वारा बनाया जा रहा है और ये 15 दिसंबर तक अयोध्या पहुंच जाएगा। इसके बाद इसको गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।
मामले में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि सिंहासन को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा। ये आठ फीट ऊंचा, तीन फीट लंबा और चार फीट चौड़ा होगा।
उन्होंने आगे कहा कि राम भक्तों ने बड़ी मात्रा में सोने और चांदी की वस्तुएं भी दान की हैं। ट्रस्ट के गठन से पहले और बाद में दान की गई ये सोने-चांदी की वस्तुएं, सिक्के और ईंटें पिघला दी जाएंगी। दान की गई वस्तुओं को सुरक्षित रखने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें पिघलाकर एक ठोस खंड बनाकर सुरक्षित रखा जाएगा। यह काम एक प्रतिष्ठित संस्था के मार्गदर्शन में किया जाएगा। मिश्रा ने कहा कि भव्य प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच राम मंदिर का निर्माण कार्य तेज कर दिया गया है। जरूरत के मुताबिक श्रमिकों की संख्या बढ़ाई गई है। राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर 15 दिसंबर तक हर हाल में तैयार हो जाना चाहिए।
पहली मंजिल का काम 80% पूरा हो चुका है। गर्भगृह का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है। परिक्रमा मार्ग की फर्श का काम पूरा हो चुका है। अब गृह मंडप के फर्श पर संगमरमर बिछाने का काम चल रहा है। सीढ़ियों के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी फर्श का काम चल रहा है।
वहीं यात्री सुविधा केंद्र की तीनों मंजिलों की छत का काम पूरा हो चुका है। सुरक्षा उपकरण भी लगाए जा रहे हैं। राम मंदिर की बाहरी दीवार (परकोटा) के प्रवेश द्वार का काम भी अंतिम चरण में है और नवंबर के अंत तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। पहली मंजिल पर कुल 19 स्तंभों में से सत्रह स्थापित किए जा चुके हैं। उम्मीद है कि 15 दिसंबर तक पहली मंजिल की छत भी बन जाएगी।