टाटा ग्रुप अब एप्पल आईफोन का उत्पादन भारत में करेगा। ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन कंपनी के साथ टाटा ग्रुप की डील को मंजूरी मिल गई है। टाटा ढाई साल के अंदर भारतीय बाजार और वैश्विक बाजार के लिए भारत में ही आईफोन बनाना शुरू कर देगा। केंद्र सरकार में इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर करते हुए लिखा है कि टाटा ग्रुप ढाई साल के भीतर भारतीय बाजार और वैश्विक बाजार के लिए देश में ही एप्पल आईफोन बनाना चालू कर देगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2024 तक विस्ट्रॉन इस फैक्ट्री में करीब 1.8 बिलियन डॉलर के मूल्य के बराबर एप्पल आईफोन का उत्पादित करेगी। टाटा, विस्ट्रॉन की इस फैक्ट्री में वैश्विक मार्केट के आईफोन 15 बनाएगी।
आईफोन 15 की बॉडी में टाइटेनियम का होता है इस्तेमाल
गौरतलब है कि कैलिफोर्निया की टेक कंपनी एप्पल ने आईफोन 15 सीरीज 12 सितंबर को लॉन्च किया था। इस सीरीज को वंडरलस्ट इवेंट में लॉन्च किया गया था। एप्पल ने पहली बार चार्जिंग के लिए टाइप-C पोर्ट दिया है। कंपनी ने वॉच सीरीज 9 और वॉच अल्ट्रा 2 भी पेश की। इस बार आईफोन-15 में 48 मेगापिक्सल का मेन कैमरा दिया गया है। आईफोन-15 और 15 प्लस में A16 बायोनिक चिप दी गई है। वहीं, आईफोन-15 प्रो और प्रो मैक्स में A17 प्रो चिप मिलेगी। प्रो मॉडल्स की बॉडी में टाइटेनियम का इस्तेमाल किया गया है।
क्यों बिकने जा रही विस्ट्रॉन?
विस्ट्रॉन की यह फैक्ट्री कर्नाटक राज्य में आईफोन बनाती है। टाटा से इस कंपनी की डील करीब एक साल से चल रही थी जो अब पक्की हो पाई है। यहां फिलहाल 10 हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं। इस फैक्ट्री का वैल्युएशन करीब 600 मिलियन डॉलर यानी 4,442 करोड़ रुपये के बराबर है। यह बताया जा रहा है कि विस्ट्रॉन को एप्पल की शर्तों के साथ आईफोन बनाने में नुकसान उठाना पड़ रहा था इसलिए उसे बेचने की नौबत आ गई। कंपनी का कहना है कि एप्पल की तरफ से कंपनी से फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन के मुकाबले ज्यादा मार्जिन लिया जा रहा था। विस्ट्रॉन ने भारतीय बाजार में करीब 15 साल पहले कारोबार की शुरुआत की थी। कंपनी तब कई तरह के उपकरणों की मरम्मत की सुविधा मुहैया कराती थी। वर्ष 2017 में कंपनी ने एप्पल आईफोन का प्रोडक्शन शुरू किया।