जम्मू-कश्मीर में 11 अक्तूबर को अग्निवीर अग्निवीर अमृतपाल सिंह की 11 अक्तूबर को पुंछ सेक्टर में संतरी की ड्यूटी के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी। अग्निवीर की गोली लगने से मौत के मामले में सेना के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि गोली कैसे चली और कैसे लगी, इसकी सेना ने जांच शुरू कर दी है। व्हाइट नाइट कोर ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। पंजाब सरकार ने देश के पहले अग्निवीर शहीद के परिवार को 1 करोड़ रुपए के मदद का ऐलान किया है। वहीं, अग्निवीर के सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार न करने पर सवाल उठने लगा है।
सेना ने बताया क्यों नहीं दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
पंजाब में मौत और गार्ड ऑफ ऑनर पर उठे सवाल के बाद व्हाइट नाइट कोर ने स्पष्ट किया कि अग्निवीर की मौत 11 अक्तूबर को हुई थी। पार्थिव शरीर को एक जूनियर कमीशन अधिकारी और चार अन्य रैंक के लोगों के साथ अग्निवीर की यूनिट द्वारा किराए पर ली गई एक सिविल एम्बुलेंस में ले जाया गया, साथ ही सेना के जवान भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
व्हाइट नाइट कोर ने कहा कि चूंकि मौत का कारण खुद को पहुंचाई गई चोट थी, इसलिए नियमानुसार गार्ड ऑफ ऑनर या फिर सैन्य अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। कहा कि भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है।
परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देगी पंजाब सरकार
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अमृतपाल सिंह के बलिदान पर गहरा दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देश के लिए खास तौर पर परिवार के लिए अपूर्णनीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार के साथ गहरी हमदर्दी जाहिर करते हुए कहा कि इस दु:ख की घड़ी में पंजाब सरकार परिवार के साथ खड़ी है। राज्य सरकार की नीति के मुताबिक पीड़ित परिवार को वित्तीय सहायता दी जाएगी।