भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को केरल में बंदी हाथियों की मौत पर एक अंतरिम याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा कि ध्यान देने योग्य एक हजार मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन अगर सभी मुद्दों को सुनने लगें तो, वह दिन दूर नहीं जब सुप्रीम कोर्ट निष्क्रिय हो जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, ये स्थानीय मुद्दे हैं जिन्हें उच्च न्यायालयों द्वारा निपटाया जा सकता है। यदि वे कोई गंभीर गलती करते हैं तो हम उन त्रुटियों को सुधारने के लिए यहां हैं। लेकिन इस तरह से हम देश कैसे चला सकते हैं।
देश में सुप्रीम कोर्ट की क्या भूमिका है… हमें इनसे निपटना नहीं है। आप जानते हैं, देश भर में उठने वाले मुद्दों का सूक्ष्म प्रबंधन। यदि उच्च न्यायालय कोई गंभीर गलती करता है तो हम यहां हैं और सुधार करेंगे।
दरअसल, एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने शुरुआत में केरल में बंदी हाथियों की मौत, नियमों के उल्लंघन का मुद्दा उठाया और तत्काल सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि फरवरी 2019 से नवंबर 2022 के बीच केरल में 135 से अधिक बंदी हाथियों की उपेक्षा और अधिक काम के कारण मौत हो गई।
पीठ ने सिंह को शिकायत के साथ उच्च न्यायालय जाने को कहा और कहा कि वहां के न्यायाधीश स्थानीय परिस्थितियों और प्रभावों से अवगत हैं।
मुख्य न्यायाधीश लंबित मामलों में अंतरिम आवेदनों के “प्रसार” से नाराज थे और उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका को समझने की आवश्यकता पर बल दिया। इस बात पर जोर देने पर कि मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में ही की जाए, पीठ ने कहा, “अब हम सुप्रीम कोर्ट को निष्क्रिय बनाने के लिए यहां हर चीज पर विचार नहीं कर सकते।