रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इजराइल और फिलिस्तीन विवाद का ठीकड़ा अमेरिका पर फोड़ने की कोशिश की है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि इजराइल और फिलिस्तीनियों के बीच हिंसक दौर पश्चिम एशिया में अमेरिकी नीति की विफलता को दर्शाता है।
पुतिन ने मॉस्को दौरे पर आए इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी से कहा, “मुझे लगता है कि कई लोग मुझसे सहमत होंगे कि यह अमेरिकी नीति की विफलता का एक ज्वलंत उदाहरण है।”
पुतिन ने कहा कि अमेरिका ने शांति स्थापित करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों पर “एकाधिकार” स्थापित करने की कोशिश की है। उन्होंने वाशिंगटन पर दोनों पक्षों को स्वीकार्य होने वाले समझौतों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। पुतिन ने कहा कि अमेरिका ने फिलिस्तीनियों के हितों की अनदेखी की है। उन्होंने स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की आवश्यकता पर भी जोर दिया। हालांकि पुतिन ने वर्षों से मिडिल ईस्ट में शांति प्रक्रिया में रूस की अपनी भूमिका का उल्लेख नहीं किया। इससे पहले क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा था कि मॉस्को समस्या का समाधान खोजने में मदद करने के लिए इजरायल और फिलिस्तीनियों दोनों से बात कर रहा है।
पेसकोव ने कहा कि क्रेमलिन यह जानने की भी कोशिश कर रहा है कि क्या हमास द्वारा बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों में कोई रूसी भी था। इस बीच ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि फिलिस्तीनी नेता महमूद अब्बास जल्द ही मॉस्को का दौरा कर सकते हैं। इन कयासों पर दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यात्रा की योजना युद्ध से पहले बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि रूस अंतिम तारीख निर्धारित होने के बाद ही इसकी घोषणा करेगा। इससे पहले रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा था कि फिलिस्तीनी देश बनाना ही इजराइल में शांति के लिए “सबसे विश्वसनीय” समाधान है क्योंकि अकेले आतंकवाद से लड़ने से सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होगी। आपको बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लंबे समय से खुद को इजरायल और यहूदी लोगों के मित्र के रूप में पेश किया है। उन्होंने 2008 में रूस और इजरायल के बीच वीजा-मुक्त यात्रा स्थापित करने में मदद की थी। 2012 में एक विशाल मॉस्को यहूदी संग्रहालय के निर्माण की अध्यक्षता भी पुतिन ने की और 2020 में यरूशलेम में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ कंधे से कंधा मिलाकर नाजी जर्मनी के पीड़ितों के लिए एक स्मारक का अनावरण भी किया। हालांकि बीते 75 वर्षों में इजराइल पर सबसे बुरे हमले के बीच, पुतिन ने अतीत में इजराइल के लिए जो सम्मान दिखाया है वह इस बार अनुपस्थित दिखाई देता है।