नोएडा में कुत्तों के आंतक के बीते दिनों कई मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से ज्यादातर मामले पिटबुल के सामने आए हैं। पिटबुल कुत्ते को लेकर सामने आए मामलों को लेकर पुलिस ने कई तरह के कानून भी बनाए हैं। हालांकि ऐसे मामले सामने आने के बाद भी लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। हालिया मामले में एक पिटबुल ने एक आवारा कुत्ते पर हमला कर दिया, जिसका खौफनाक वीडियो भी सामने आया है।
कुत्तों के आतंक के बीच की खबरों से लोग भी काफी डरे हुए हैं। इस तरह के मामलों को कम करने या फिर रोकथाम के लिए नोएडा पुलिस ने पेट कानून भी बनाया। लेकिन लोग इन कानूनों को भी दांव पर लगाने में पीछे नहीं हटते। इस बीच चलिये आपको बताते हैं कि भारत में कौन से जानवरों को पालना खतरे से खाली नहीं है और अगर इन जानवरों को पाला गया तो आपको जुर्माने से लेकर जेल की सजा भी हो सकती है।
चलिये आपको बताते हैं कि क्या है ये पेट कानून…बेहद आसाना होता है। रोड रिंग्ड पैराकीट, एलेक्जेंडराइन पैराकीट, रेड मुनिया और जंगली मैना जैसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित हैं। यहां तक कि बात की जाए तोतों की तो अफ्रीकी ग्रे तोता, ब्लू-थ्रोटेड मैकॉ और येलो-क्रेस्टेड कॉकटू को भी वन्य जीवों और वनस्पतियों की खत्म हो रही प्रजातियों में गिना जाता है।
इन पक्षियों को आप घरों में कैद करके नहीं रख सकते। इन्हें वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत बैन भी किया गया है। बता दें कि कई बार आपने वीडियोज देखे होंगे जिनमें लोग बंदरों को कुत्तों की तरह पाल कर रखते हैं। लेकिन ये भी गैरकानूनी है। आप बंदर को भी घर पर पाल कर नहीं रख सकते।
बता दें कि भारत में कछुए और सरीसृपों की कुछ प्रजातियों को रखना भी गैरकानूनी है। इंडियन स्टार कछुआ और रेड ईयर स्लाइडर कुछ तरह के सरीसृपों में से एक में आते हैं। सरीसृपों को भी कैद में रखना अवैध है। समुद्री मछलियों को छोटे पानी के कटोरे में रखना भी व्यवहारिक नहीं माना जाता।
इसके अलावा ऊदबिलाव, पेंगुइन और मैनेटीज पर भी प्रतिबंध है। सांपों की भी कई तरह की प्रजातियों को घर में रखना अवैध है। अगर कोई भी शख्स इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई से लेकर उसे जेल भी हो सकती है।