Indian Air Force Day: भारतीय वायुसेना आज अपनी 91वीं वर्षगांठ मना रही है। आज वायुसेना दिवस के इतिहास में पर पहली बार नारी शक्ति का दमखम देखने को मिलेगा। ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी रविवार को 91वीं वर्षगांठ के अवसर पर पहली बार प्रयागराज के वायु सेना स्टेशन बमरौली में भारतीय वायु सेना दिवस परेड की कमान संभालेंगी। बता दें कि ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी को 2,800 घंटे से अधिक की उड़ान भरने का अनुभव प्राप्त है।
ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी के हाथों में परेड की कमान
ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी को इसी साल मार्च में फ्रंटलाइन IAF फाइटर यूनिट की कमान संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। ये वायु सेना की फाइटर यूनिट को संभालने वाली पहली महिला ऑफिसर हैं। ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी साल 2003 में भारतीय वायु सेना में भर्ती हुई थी।
अग्निवीर वायु सहित नारी शक्ति का देखने को मिलेगा सौर्य
भारतीय वायु सेना के प्रवक्ता विंग कमांडर आशीष मोघे ने रविवार को बताया, ‘पहली बार परेड में नव शामिल अग्निवीर वायु सहित पूरी तरह से महिला दल शामिल होगा, जो अपने पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मार्च करेगा। परेड में पहली बार गरुड़ कमांडो की उड़ान भी शामिल है।’
आज से बदल जाएगा वायुसेना का झंडा
बता दें कि आज IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी प्रयागराज में भारतीय वायुसेना के नए ध्वज का अनावरण करेंगे। नए ध्वज में सबसे ऊपर दाएं कोने में भारतीय वायुसेना का चिह्न होगा। ‘एनसाइन’ के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट के शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न और उसके नीचे देवनागरी में ‘सत्यमेव जयते’ शब्द है। अशोक चिह्न के नीचे एक हिमालयी गरुड़ है जिसके पंख फैले हुए हैं।, जो भारतीय वायुसेना के युद्ध के गुणों को दर्शाता है। इस पर ‘भारतीय वायु सेना’ लिखा है। भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’ हिमालयी गरुड़ के नीचे देवनागरी के सुनहरे अक्षरों में अंकित है।