खालिस्तानियों की पनाह देने वाले देश कनाडा में अब आंतक फैलाने के आरोप में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की उम्र 19 से 26 साल के बीच है। सभी के खिलाफ प्रतिबंधित आग्नेयास्त्र रखने का आरोप है। कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में कार्रवाई एक सप्ताह के भीतर की गई है।
कनाडा में आतंकवाद और चरमपंथियों के प्रति उदार रवैया अपनाने पर हाल ही में भारत ने कनाडा की खिंचाई की थी। जयशंकर ने हाल ही में हडसन इंस्टीट्यूट में बोलते हुए कहा था कि अपराधियों, आतंकवादियों और तस्करों का एक जहरीला मिश्रण है। वे कनाडा की राजनीति की मजबूरियों के कारण कनाडा में काम कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा, “कनाडा आतंकवादियों और चरमपंथियों के प्रति उदार रहा है। कनाडा में न केवल भारतीय राजनयिक असुरक्षित हैं और उन्हें खतरा भी है, जहां मिशनों पर जाना एक चुनौती है।
वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरविंदम बागची ने कहा, “भारत में कनाडाई राजनयिकों की उच्च उपस्थिति है, वे हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करते हैं। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि कनाडाई राजनयिक अपनी संख्या कम करेंगे और चले जाएंगे।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक 41 कनाडाई राजनयिकों के लिए भारत छोड़ने की समय सीमा 10 अक्टूबर है। वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में कहा कि वे भारत के साथ बातचीत जारी रखना चाहते हैं और मौजूदा स्थिति को और आगे नहीं बढ़ाना चाहते। जबकि कनाडा में भारत के अपमान की साजिश कर रहे खालिस्तान समर्थकों और भारत में आपराधिक गतिविधियों में लिप्त कनाड़ा में रह रहे अभियुक्तों पर कार्रवाई को लेकर विदेश मंत्रालय कई बार कनाडा से आग्रह कर चुका है। ऐसे में भारत की मांग पर ध्यान ना देने और बार- बार भारत विरोधी गतिविधियां दोहराए जाने पर भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। जिसके तहत विदेश मंत्रालय ने कनाडाई राजनयिकों की संख्या को कम करने को कहा है।