हर महकमे से भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, घोटाले की मिलती सूचनाएं
एसआईटी और एसईटी की जांच के बाद भी दबा दी रिपोर्ट
अब तक करवाई की जांच की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही सरकार
चंडीगढ़, 6 अक्तूबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में नए कीर्तिमान स्थापित कर दिए हैं। हर महकमे से भ्रष्टाचार कमीशनखोरी, घोटाले की सूचनाएं मिलती रहती हैं। खुद प्रदेश सरकार ने कितनी ही बार जांच के लिए एसआईटी व एसईटी भी बनाई, लेकिन इनकी रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। प्रदेश में पिछले 09 साल के दौरान हुए घोटालों की जांच के लिए स्वतंत्र आयोग बनाए जाने की जरूरत है। बिना आयोग के अब जांच भी नामुमकिन है क्योंकि अब तक हुई जांच में घोटाले सामने आए पर सरकार बदनामी के डर से रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर रही है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, घोटालों, पेपर लीक, बेरोजगारी आदि ऐसे मामले हैं, जिनसे भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने हरियाणा के स्वर्णिम नाम पर दाग लगाने का कार्य किया है। तहसील से लेकर आबकारी एवं कराधान, नगर पालिका से लेकर नगर निगम, ग्रामीण विकास से लेकर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, हर मकहमे में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिना रिश्वत लिए-दिए किसी भी व्यक्ति का कोई काम नहीं होता। पिछले 09 साल में प्रदेश में अगर कोई चीज सबसे अधिक बढ़ी है, तो वह भ्रष्टाचार ही है। रिश्वतखोरी का आलम यह है कि अधिकारियों और कर्मचारियों ने सुविधा शुल्क कई गुना बढ़ा दिया है और सरकार दावा भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन का कर रही है। जनता जब वोट डालने जाएगी तो वह वोट डालकर बता देगी कि सरकार कितना सच बोल रही है और कितना झूठ।
जहां पर नजर डालो वहीं पर मिलेगा घोटाला
उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार के घोटालों पर नजर दौड़ाएं तो लॉकडाउन शराब घोटाला, जहरीली शराब घोटाला, एचएसएससी घोटाला, एचपीएससी घोटाला, पेपर लीक घोटाला, खनन घोटाला, धान खरीद घोटाला, फोर्टिफाइड चावल घोटाला, बाजरा खरीद घोटाला, रजिस्ट्री घोटाला, राशन घोटाला, सफाई घोटाला, रोडवेज घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, फसल बीमा घोटाला, बिजली मीटर खरीद घोटाला समेत 50 से अधिक बड़े घोटालों की मिनटों में सूची तैयार हो जाएगी।
बेरोजगारी तोड़ रही है सारे रिकार्ड
कुमारी सैलजा ने कहा कि बेरोजगारी में हरियाणा लगातार अव्वल बना हुआ है। हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग नौकरी बेचने के अड्डे बने हुए हैं। इनकी कितनी ही भर्तियां पेपर लीक में फंस चुकी हैं और कितनी ही भर्तियों को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट या तो रद्द कर चुका है, या फिर उन पर स्टे चल रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एचपीएससी में रुपये से भरे सूटकेस पकड़े जाते हैं तो एचएसएससी के चेयरमैन को छह माह के लिए सस्पेंड रखा जाता है। कितनी ही बार एचएसएससी कर्मियों की मिलीभगत सामने आती है और उन पर मामले दर्ज होते हैं। इससे स्पष्ट है कि एचपीएससी व एचएसएससी में कुछ भी ठीक नहीं है। नौकरियों की सरेआम नीलामी हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के खुद के घोटालों व भ्रष्टाचार पर नजर दौड़ाएं तो इन्हें एक पल भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।
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गोशालाओं में गायों को भूखा मरने से बचाए सरकार: कुमारी सैलजा
10 गुणा से अधिक बजट बढ़ाने पर भी गोशालाओं को जारी नहीं कर रहे राशि
पहले भी गौशालाओं में खड़ा होता रहा चारा संकट, फिर भी सुस्त गठबंधन सरकार
चंडीगढ़, 6 अक्तू बर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं हरियाणा कांगे्रस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि गायों के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने बजट में गायों के लिए 10 गुणा से अधिक राशि बढ़ाने का ऐलान कर वाहवाही लूटने की कोशिश की, पर हकीकत तो यह है कि आज भी गोशालाओं में चारे के लिए संकट बना हुआ है। गौशालाओं को अनुदान जारी नहीं किया जा रहा। चारे के अभाव में गायें भूखी रहती हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत नूंह, फतेहाबाद, हिसार व सिरसा की गोशालाओं के सामने आ रही है। बावजूद इसके ये सरकार स्वयं को गोभक्त कहती है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि गठबंधन सरकार गायों के नाम का प्रयोग सिर्फ अपने फायदे के लिए करना जानती है। बाकी गौ सेवा से उसका कोई भी लेना-देना नहीं है। गौ सेवा आयोग का इस बार बजट बढ़ाकर 456 करोड़ रुपये कर दिया गया, जो पिछले साल 40 करोड़ रुपये था। लेकिन, प्रदेश सरकार यह बात किसी को नहीं बताती कि पिछले साल के बजट में से सिर्फ 33 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए थे और बाकी 07 करोड़ रुपये ग्रांट लैप्स हो गई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कितने शर्म की बात है कि अभी तक प्रदेश की गौशालाओं में चारे पर खर्च होने वाली राशि में सरकार ने एक पैसे की भी बढ़ोतरी नहीं की है। जो राशि चारे पर खर्च करने के लिए प्रति गाय स्वीकृत है, उससे एक गाय का पेट भरना मुश्किल है क्योंकि, तूड़ी, हरा चारा के दाम काफी बढ़ चुके है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि दिसंबर 2022 में नारनौल नगर परिषद की ओर से संचालित गांव रघुनाथपुरा की पहाड़ी की तलहटी में मौजूद गौशाला में चारा खत्म होने की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया था। गौशाला में सफाई न होने, स्टाफ को महीनों से वेतन न मिलने का बड़ा मुद्दा बन गया था। जींद के जयंती देवी मंदिर के सामने बनी अस्थाई नंदीशाला को करीब 02 साल से ग्रांट न मिलने का मामला भी जमकर सुर्खियां बना था। इससे पता चलता है कि प्रदेश सरकार गोवंश के कल्याण के लिए गंभीर नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लंपी बीमारी के दौरान भी प्रदेश के लोग गठबंधन सरकार के गायों के प्रति कथित प्रेम को देख चुके हैं, जब दवा तक उपलब्ध नहीं कराई गई और हजारों गायों को अपनी जान गंवानी पड़ी। गायों के चारे के लिए गौशालाओं को अनुदान न दिए जाने से गोवंश के सामने भूखे मरने की नौबत आ सकती है।