दलितों के साथ पिटाई मामले पर राज्यसभा में आज दूसरे दिन भी चर्चा जारी रही। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस पर बोलना शुरू किया, इससे पहले उन्होंने कल खुद पर भाजपा से निष्कासित दयाशंकर की अभद्र टिप्पणी पर पार्टी द्वारा की गई कार्रवाई के लिए धन्यवाद दिया। हालांकि उन्होंने कहा, अच्छा होता अगर भाजपा खुद दयाशंकर के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई करती।
इसके बाद दलितों के साथ देशभर में पिटाई की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए मायावती ने कहा, गुजरात के उना में हुई घटना का ट्रायल फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि जज भी कोई दलित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दलितों को न्याय मिलना तो छोड़ दीजिए, उनके एफआईआर भी दर्ज नहीं किये जाते, इसका ताजा उदाहरण उना की घटना है। उन्होंने कहा, दलितों के साथ दुर्व्यवहार की घटना सिर्फ भाजपा के समय ही नहीं हो रही बल्कि कांग्रेस के लंबे शासन काल में भी होती आई है।