Khalistan-Gangster Nexus: खालिस्तानी और गैंगस्टर नेटवर्क के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कमर कस ली है। इस गठजोड़ के खात्मे को लेकर एनआईए ने बांबिया, लॉरेंस और अर्श डल्ला से जुड़े मामलों में दिल्ली, पंजाब और यूपी सहित 6 राज्यों में 51 जगहों पर बड़ी छापेमारी की।
एनआईए ने बुधवार को आतंकवादी-गैंगस्टर-तस्कर गठजोड़ से जुड़े तीन अलग-अलग मामलों में 51 स्थानों पर तलाशी ली। जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, बंबीहा और व्यक्तिगत ‘सूचीबद्ध आतंकवादी’ अर्शदीप सिंह डाला गिरोह के सहयोगियों के परिसरों और संदिग्ध स्थानों पर एक साथ छापे मारे गए।
एनआईए की टीम ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान की कई लोकेशन पर रेड मारी। पंजाब में 30, राजस्थान में 13, हरियाणा में 4, उत्तराखंड में 2 और दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 1-1 जगह पर बुधवार (27 सितंबर, 2023) को भी छापेमारी की गई।
NIA ने भारत में आपराधिक सिंडिकेट पाकिस्तान और कनाडा जैसे देशों में स्थित खालिस्तानी और आतंकवादियों के बीच सांठगांठ पर अलग-अलग राज्यों में कार्रवाई के बाद बुधवार को कई लोगों को हिरासत में लिया, पकड़े गए आरोपी आतंक से संबंधित गतिविधियों के लिए इन नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं।
बुधवार सुबह एजेंसी ने लॉरेंस बिश्नोई और कनाडा स्थित अर्शदीप दल्ला द्वारा संचालित गिरोहों से जुड़े 50 से अधिक स्थानों पर छापे मारे, जिन्हें पुलिस ने इस सप्ताह पाक स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा और अन्य अपराधियों से जोड़ा था। सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं। एनआईए के अनुसार दल्ला और गौरव पटियाल जैसे भगोड़े विदेश में रहते हैं, लेकिन फंडिंग, हथियारों की तस्करी और हत्याओं, जबरन वसूली के कृत्यों और अन्य राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में भाग लेने के लिए खालिस्तानी आतंकवादियों के संपर्क में रहते हैं। एनआईए के छापे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में थे। अकेले पंजाब में एनआईए ने 30 जगहों पर छापेमारी की। ये सिंडिकेट्स के खिलाफ एक पुख्ता मामला बनाने के प्रयासों का हिस्सा हैं, जिनमें से अधिकांश अब दुबई से संचालित होते हैं और एनआईए द्वारा पिछले साल गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज किए गए मामलों से जुड़े हैं।
इससे दो दिन पहले एजेंसी ने पंजाब और हरियाणा में 1,000 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की थी। ये गोल्डी बरार से जुड़े थे, जिसने कथित तौर पर पंजाबी गायक सिद्धू मूस वाला की हत्या की योजना बनाई थी।