– राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस व गुरुग्राम के वाणी एवं श्रवण निशक्त जन कल्याण केन्द्र के 53 वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में की शिरकत
– राज्यपाल ने सभी से सांकेतिक भाषा सीखने का किया आह्वान, कहा सांकेतिक भाषा सीखने से एक्टिव बनता है माइंड
चंडीगढ़, 24 सितंबर ——- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि मूक एवं बधिरों के सर्वागीण विकास के लिए केंद्र व हरियाणा सरकार द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। जिसके माध्यम से उनके मन मे इस भावना का निर्माण किया जा रहा कि वे भी समाज का अभिन्न हिस्सा है। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ साथ समाज को भी आगे बढ़कर इनके सामाजिक उत्थान में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना होगा।
राज्यपाल शनिवार की शाम अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस व
गुरुग्राम के वाणी एवं श्रवण निशक्त जन कल्याण केन्द्र के 53 वें स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुग्राम केंद्र में आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में गुरुग्राम के एडीसी हितेश कुमार मीणा ने जिला प्रशासन की ओर से राज्यपाल को शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया।
राज्यपाल ने शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में अमर शहीदों को नमन कर कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों व उनके अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि सांकेतिक भाषा केवल बधिरों की ही नहीं बल्कि सभी की भाषा बने। उन्होंने सांकेतिक भाषा अर्थात साइन लैंग्वेज सिखाने व सीखने पर बल देते हुए कहा कि सांकेतिक भाषा सीखने से माइंड एक्टिव बनता है। जिससे जीवन में प्रगति के विभिन्न मार्ग खुलेंगे। राज्यपाल ने कहा कि मूक एवं बधिर बच्चों के सांकेतिक भाषा सीखने से उनके जीवन यापन की राह आसान होने के साथ साथ वे विभिन्न क्षेत्रों में देश का नाम भी रोशन करेंगे। राज्य सरकार व केन्द्र सरकार की निशक्तजनों के लिए बनाई गई योजनाओं का उल्लेख करते हुए श्री दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा सरकार ने केन्द्र सरकार की योजनाओं को प्रदेश में बेहतर तरीके से क्रियान्वित करते हुए लागू किया है। इतना ही नहीं, सरकार द्वारा 18 वर्ष तक स्कूल न जाने वाले दिव्यांगजनों को मासिक वित्तीय सहायता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि हरियाणा प्रदेश में मूक एवं बधिरों की संख्या लगभग एक लाख 50 हजार के करीब है। उन्होंने कहा कि बधिरों को सुनने की समस्या का सामना करना पड़ता है और उनकी यह समस्या सरकार और हम सब के लिए चुनौती है। इस चुनौती का सामना करने के लिए हम सभी को सामुहिक प्रयास करने होंगे।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में परिवार पहचान पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में शुरू की गई यह सेवा दिव्यांगजनो के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पीपीपी के शुरू होने से सरकार को दिव्यांगजनो का वास्तविक डेटा एकत्रित करने में सुविधा हुई है। इसके माध्यम से आपको विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अब घर बैठे ही प्राप्त को रहा है। वहीँ प्रदेश की युवा शक्ति को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हरियाणा सरकार पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों के स्किल डेवलोपमेन्ट पर भी बल दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सांकेतिक भाषा को एक भाषा विषय के रूप में मान्यता देकर बधिर लोगों के लिए प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है। अब भारतीय सांकेतिक भाषा सिर्फ बधिरजनों की भाषा न होकर आमजन की भाषा भी होगी, इसलिए सामान्य लोगों को भी इस भाषा को सीख कर बधिर जनों से जुड़ना होगा ताकि ये लोग भी संचार संबंधित सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने सांकेतिक भाषा के इंटरप्रेटर की सहायता से केंद्र के बच्चों से संवाद कर उनसे उनके भविष्य के विजन के बारे में भी संवाद किया। राज्यपाल ने इस दौरान गुरुग्राम केंद्र में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों से भी संवाद कर उनसे केंद्र में दी जा रही सुविधाओं का फीडबैक भी लिया।
इससे पहले गुरुग्राम के मूक-बधिर निशक्तजन कल्याण केन्द्र के चेयरमैन एवं एडीसी हितेश कुमार मीणा ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि इस केन्द्र की नींव 1971 में तत्कालीन राज्यपाल डॉ बी एन चक्रवर्ती ने रखी थी। इन पिछले 53 वर्षों में इस केंद्र में दिन-प्रतिदिन तरक्की व उन्नति के नए प्रयोग हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जिस विजन के साथ गुरुग्राम केंद्र की स्थापना की गयी थी उनको पूरा करने के लिए जिला प्रशासन की टीम निरन्तर सार्थक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ साथ समाज की भी एक जिम्मेदारी है कि वे ऐसे बच्चों को अपने संस्थानों में रोजगार उपलब्ध कराएं।
कार्यक्रम में केन्द्र की असिस्टेंट डायरेक्टर डा. सीमा ने राज्यपाल श्री दत्तात्रेय को गुरुग्राम केंद्र की उपलब्धियों से अवगत कराते हुए
बताया कि गुरुग्राम केंद्र के पांच बच्चों को राष्ट्रपति की ओर से मूक एवं बधिर बच्चों के रोल मॉडल के तौर पर पुरस्कृत किया गया है। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम केंद्र में बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए रोजगारपरक कोर्स करवाए जा रहे हैं। साथ ही बच्चों के मानसिक एवं बौद्धिक विकास के लिए गुरुग्राम केंद्र में
मेंटल हेल्प कार्यक्रम की भी शुरुआत की गई है।
कार्यक्रम में गुरुग्राम केंद्र के बच्चों ने सांकेतिक भाषा में गुरुग्राम केंद्र में बधिर बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रस्तुति भी दी जिसे उपस्थित दर्शकों ने खूब सराहा। इसी क्रम में कार्यक्रम में करनाल व हिसार केंद्र के बच्चों ने हरियाणवी परंपराओं से ओतप्रोत विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुत किए। इस मौके पर हिसार केन्द्र के बधिर छात्र रविकांत द्वारा बनाई गई श्री बंडारू दत्तात्रेय की पेंटिंग भी भेंट की गई।
इस अवसर पर संस्था के एग्जीक्यूटिव मेंबर शरद गोयल, ड्यूटी मजिस्ट्रेट कुलदीप सिंह सहित सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।