अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के लिए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की रेस में शामिल विवेक रामास्वामी ने चीन के साथ साझेदारी कम करने और भारत के साथ आर्थिक स्तर पर रिश्तों को मजबूत करने का प्रस्ताव रखा है।
गुरुवार को अपने गृह राज्य ओहियो के न्यू अल्बानी में एक प्लास्टिक मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में एकत्रित भीड़ को संबोधित करते हुए, उन्होंने चीन से समझदारी से अलग होने के लिए और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का मुकाबला करने के लिए एक चार-सूत्री योजना पेश की।
रामास्वामी ने कहा, ‘आज हमारा शीर्ष प्रतिद्वंद्वी कौन है? यह सोवियत संघ नहीं है, जिसका 1990 में पतन हो गया… जैसा कि कुछ लोग भूल गए हैं, आज हमारा शीर्ष प्रतिद्वंद्वी कम्युनिस्ट चीन है।’
विवेक रामास्वामी ने कहा कि हमारे पास स्पष्ट दृष्टिकोण है। हम चीन के साथ आर्थिक स्वतंत्रता की घोषणा करेंगे और अमेरिकी समृद्धि को बढ़ाने पर ध्यान देंगे। मैं यहां आप लोगों से झूठ नहीं कहूंगा कि हम सब चीजें तुरंत हासिल कर लेंगे। हम चीन से अलग होने के बारे में गंभीर हैं। लेकिन इसके लिए हमें भारत, इजरायल और ब्राजील के साथ रिश्ता मजबूत करना होगा।
रामास्वामी ने कहा कि अगर वह नवंबर 2024 में देश के राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो चीन से स्वतंत्रता की घोषणा करने की उनकी नीति में चार तत्व होंगे। इसमें सबसे पहली नीति जलवायु परिवर्तन एजेंडे से आजादी की घोषणा है जो कि सिर्फ और सिर्फ तमाशा और एक धोखा है। रामास्वामी ने कहा कि उनकी दूसरी नीति में सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी सेमीकंडक्टर, फोन, सैटेलाइट सिस्टम, चिकित्सा उपकरणों और अन्य संचार उपकरणों को शक्ति देने वाले “छोटे चिप्स” का उत्पादन बढ़ाकर ताइवान से आर्थिक स्वतंत्रता भी हासिल करेंगे। रामास्वामी ने कहा, ‘चीन से स्वतंत्रता की घोषणा करने के लिए, हमें यहां घर पर जलवायु परिवर्तन के एजेंडे से स्वतंत्रता की घोषणा करनी होगी। मुझे इलेक्ट्रिक वाहनों के अस्तित्व और खरीद से कोई समस्या नहीं है। लेकिन मुझे सब्सिडी वाले उद्योग से समस्या है जिससे गलत तरीके से पलड़ा चीन की ओर झुकाता है।’ रामास्वामी ने आगे कहा, ‘अमेरिका में इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराने के लिए हम दुर्लभ पृथ्वी खनिजों और खनिज तेल शोधन क्षमता के लिए चीन पर निर्भर हैं। इसलिए जब ईवी पर सब्सिडी दिया जाता है तो हम वास्तव में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को सब्सिडी दे रहे होते हैं।’ उन्होंने तीसरी नीति के तहत अमेरिका की रक्षा के लिए सैन्य खर्च बढ़ाने का आह्वान किया। वहीं चौथी नीति के तहत उन्होंने चीनी नियंत्रित दवा आपूर्ति श्रृंखलाओं से दूर जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि चीन हमारी कानूनी दवा आपूर्ति श्रृंखला को फेंटेनाइल सहित जहर से भर सकता है। रामास्वामी ने कहा, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) एक बड़ी दीवार बनाती है जो सीसीपी की आलोचना करने वालों को चीनी बाजार में प्रवेश करने से रोकती है, लेकिन अगर कोई अमेरिका की आलोचना करता है तो चीन उसका स्वागत लाल कालीन बिछाकर करता है।