ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने भारत के साथ-साथ ब्राजील, जर्मनी और जापान को संयुक्त राष्ट्र निकाय की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार का आह्वान किया है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अफ्रीका विश्व मंच पर ऊंची आवाज का हकदार है।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स में मंगलवार को दिए गए अपने संबोधन में क्लेवरली ने कहा कि दुनिया में हमारे सामने जो चुनौतियां आ रही हैं, जो बहुत बड़ी हैं, लेकिन हमारे पास सकारात्मक प्रगति करने का अवसर है।
उन्होंने कहा का कि इसका मतलब यह है कि हम अपने पारंपरिक मित्रों और सहयोगियों के साथ काम करें, लेकिन इसके साथ ही कि हमें दुनिया में उभरती शक्तियों को भी साथ लाना होगा। उदाहरण के लिए, यूके ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार को प्रोत्साहित किया है, हमारा मानना है कि भारत, ब्राजील, जर्मनी, जापान को स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अफ्रीका वास्तव में विश्व मंच पर इसका हकदार है कि उसकी आवाज सुनी जाए।
इस दौरान विदेश सचिव क्लेवरली ने अपनी बीजिंग यात्रा के बारे में भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जहां पर दो देशों के बीच गहरी असहमति है उसपर भी चीनी सरकार के साथ उन्होंने साथ आने के लिए चीन से कहा है।
क्लेवरली ने कहा कि उन्होंने चीन से ये भी कहा है कि शिनजियांग में उइगर मु्स्लिम समुदाय के साथ हो रहे अत्याचारों को रोकने चाहिए। साथ ही चीन ने जो ताइवान स्ट्रेट पर कड़ा रुख अपना रखा है उस पर भी उन्होंने चीन से बात की है।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का मानना है कि वह यूक्रेन और दुनिया भर में उसके दोस्तों पर भारी पड़ सकते हैं। हालांकि वह गलत थे। उन्होंने यूक्रेन को सैन्य सहायता देने के लिए अमेरिका की सराहना की और कहा कि ब्रिटेन, अमेरिका और दुनिया भर के अन्य देशों के समर्थन ने यूक्रेनियों को इस संघर्ष से लड़ने का मौका दिया।