Chandigarh: SC कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में 11 स्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की है. इससे पहले अप्रैल माह में 6 अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थाई करने की सिफारिश की गई थी.
Chandigarh News: प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के 11 अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है. पंजाब और हरियाणा कोर्ट के कॉलेजियम ने 20 मई को सर्वसम्मति से जस्टिस निधि गुप्ता, संजय वशिष्ठ, त्रिभुवन दहिया, नमित कुमार, हरकेश मनुजा, अमन चौधरी, नरेश सिंह, हर्ष बंगर, जगमोहन बंसल, दीपक मनचंदा और आलोक जैन के नाम की सिफारिश की.
2 न्यायाधीशों की समिति ने किया अतिरिक्त न्यायाधीशों के निर्णयों का मूल्यांकन
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कहा कि उसने सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों से परामर्श किया है, जो प्रक्रिया ज्ञापन के संदर्भ में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मामलों से परिचित हैं. इसमें कहा गया है, “सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के 26 अक्टूबर 2017 के संकल्प के संदर्भ में प्रधान न्यायाधीश द्वारा गठित सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों की समिति ने अतिरिक्त न्यायाधीशों के निर्णयों का मूल्यांकन किया है. इसमें कहा गया है कि इसने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए इन अतिरिक्त न्यायाधीशों की योग्यता और उपयुक्तता का आकलन करने के लिए परामर्शदाता-न्यायाधीशों की राय और निर्णय मूल्यांकन समिति की रिपोर्ट सहित रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री की जांच की है.
दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों ने जताई सहमति
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कहा कि ये ग्यारह अतिरिक्त न्यायाधीश मौजूदा रिक्तियों के खिलाफ स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के लिए फिट और उपयुक्त हैं. शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए बयान में कहा गया है, “पंजाब और हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों ने सिफारिश पर सहमति व्यक्त की है.
6 अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी करने की हुई थी सिफारिश
आपको बता दें कि इससे पहले मुख्य अप्रैल माह में न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थाई करने के लिए केंद्र से सिफारिश की थी. 6 अतिरिक्त न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश स्थायी न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए की गई थी.