Shri Ram Janmabhoomi: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने ट्वीट कर बड़ा दावा किया है और कहा है कि श्रीराम जन्मभूमि की खुदाई में प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं। इनमें कई मूर्तियां और स्तंभ भी शामिल हैं। बता दें कि जल्द ही प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम किया जाएगा जिसमें 5 करोड़ लोगों के आने की संभावना है।
श्री रामजन्मभूमि पर खुदाई में मिले प्राचीन मंदिर के अवशेष। इसमें अनेकों मूर्तियाँ और स्तंभ शामिल हैं। pic.twitter.com/eCBPOtqE1W
— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) September 12, 2023
श्रीराम जन्मभूमि की खुदाई में मंदिर के अवशेष मिलने से अब मुस्लिम समुदाय के मन में जो भी आशंका थी वह पूरी तरह मिट सकती है। क्योंकि मुस्लिम समुदाय के कई लोगों ने भेदभाव का आरोप लगाया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम जन्मभूमि की खुदाई शुरू कर दी गई थी।
इन शिलाओं में देवी-देवताओं की कलाकृतियां उभरी हैं। जानकारी के मुताबिक खुदाई के दौरान मिले इन अवशेषों को रामलला के भव्य मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा जाएगा। इस अवशेष के मिलने के बाद मंदिर प्रशासन के अलावा देश भर के लोगों में खुशी का माहौल है।
कौन हैं चंपत राय? चंपत राय बंसल उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नगीना कस्बे के सरायमीर मोहल्ले के रहने वाले हैं। उनका जन्म 18 नवंबर 1946 को रामेश्वर प्रसाद बंसल और सावित्री देवी के परिवार में हुआ था। पिता रामेश्वर प्रसाद जीवन के शुरुआती दिनों से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य रहे। कुछ समय बाद चंपत राय भी संघ से प्रभावित हुए और संघ के पूर्णकालिक सदस्य बन गए। इसके बाद वह धामपुर के आरएसएम डिग्री कॉलेज में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर बन गए। कहा जाता है कि 25 जून 1975 को जब देश में आपातकाल लगा तब चंपत राय आरएसएम कॉलेज, धामपुर में प्रवक्ता थे। इस दौरान पुलिस जब उन्हें गिरफ्तार करने कॉलेज पहुंची तो वह प्रिंसिपल के रूम में बुलाए गए। उस वक्त चंपत कॉलेज में विद्यार्थियों को पढ़ा रहे थे।
आपातकाल के दौरान चंपत राय ने जेल में बिताए 18 महीने कहा ये भी जाता है कि प्रिंसिपल के रूम में चंपत राय ने पुलिस से कहा कि वो घर से कपड़े लेकर कोतवाली पहुंच रहे हैं। उन्होंने ऐसा ही किया। वह कोतवाली पहुंचे थे, जहां उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जेल में लगभग 18 महीने रहने के बाद जब आपातकाल खत्म हुआ तो उनको रिहा किया गया। इसके बाद चंपत राय ने 1980-81 में अपना इस्तीफा सौंपा और संघ के प्रचारक बन गए। पहले देहरादून, सहारनपुर में प्रचारक रहे। वर्ष 1985 में मेरठ के विभाग प्रचारक रहे। 1986 में संघ के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें विश्व हिंदू परिषद में प्रांत संगठन मंत्री बनाकर भेज दिया।