जी20 शिखर सम्मेलन में बड़े नेताओं के बीच हो रही मुलाकातों को कैमरे में कैद करने कोई नहीं चूक रहा है। यूएस प्रेसिडेंट बाइडेन ने जब शेख हसीना से मुलाकात की तो उन्होंने इस पल को संजोने के लिए सेल्फी ली।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज यानी शनिवार से शुरु हुए दो दिवसीय जी-20 समिट (G-20 Summit) का आयोजन दिल्ली में हो रहा है। इस समिट पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं। ये समिटि में शामिल होने 20 देशों से आए मेहमानों में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) भी शामिल हैं। इस समिट के दौरान जो बाइडेन ने कुछ ऐसा किया है, जिससे वे चर्चा में आ गए हैं। जी20 समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के साथ सेल्फी ली।
दिल्ली में एकत्र हुए जी20 देशों के प्रतिनिधियों के बीच औपचारिक वार्ता से पहले अनौपचारिक मुलाकात हो रही है। इस दौरान यूएस राष्ट्रपति के साथ बांग्लादेश की पीएम की तस्वीरें बांग्लादेश उच्चायोग ने शेयर की हैं।
जी20 देशों के समिट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार दोपहर कहा कि नई दिल्ली जी20 लीडर्स घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति बन गई है। पीएम ने कहा, “हमारे टीम के हार्ड वर्क से और आप सभी के सहयोग से नई दिल्ली जी20 लीडर्स घोषणा पत्र पर आम सहमति बन गई है।”
बता दें कि शनिवार (09 सितंबर) जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत के साथ सुबह साढ़े दस से दोपहर डेढ़ बजे तक पहला सत्र ‘वन अर्थ’ पर आयोजित किया गया। इसके बाद ‘वन फैमिली’ पर दूसरा सत्र दोपहर 3 बजे से शुरू हुआ, जो शाम 4.45 बजे तक चला। इसके बाद शाम 7 बजे डिनर पर सभी राष्ट्राध्यक्ष मुलाकात करेंगे। इनके बीच रात 8 बजे से 9.15 बजे तक फिर से बातचीत का सेशन होगा।
वहीं जी20 के दौरान रविवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो संपत्ति को लेकर अहम बात कही। उन्होंने कहा, ” भारत की राष्ट्रपति के प्रयासों से क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर स्पष्ट नीति के लिए वैश्विक प्रयास तेज हुए हैं। एफएसबी क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए विश्व स्तर पर समन्वित दृष्टिकोण के लिए नियामक ढांचे की रूपरेखा भी निर्धारित कर रहा है। इसलिए आईएमएफ और एफएसबी के समर्थन से राष्ट्रपति पद इन रूपरेखाओं को निर्धारित कर रहा है। आईएमएफ और एफएसबी संश्लेषण पेपर, रोडमैप सहित, यह बताता है कि आईएमएफ और एफएसबी द्वारा अन्य मानक-सेटिंग निकायों के साथ विकसित नीति और नियामक ढांचे कैसे एक साथ फिट होंगे और एक-दूसरे के साथ बातचीत करेंगे।”