इनेलो चुनाव आयोग से करेगी शिकायत, षडयंत्रकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए-नेता प्रतिपक्ष
चंड़ीगढ़ : विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने राज्यसभा चुनाव में आरके आनंद को पड़े वोट को रद् कराने के लिए रचे गए पूरे षडयंत्र का पर्दाफाश करते हुए इसका एक पत्रकार सम्मेलन में खुलासा किया और इस बारे में सिलसिलेवार ब्योरा दिया कि पूरा षडयंत्र किस तरह से रचा गया। चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस पूरे षडयंत्र में कांग्रेस का हुडडा गुट और भाजपा नेता व सुभाष चंद्रा सीधे तौर पर शामिल थे, जिसके सूत्रधार भाजपा विधायक असीम गोयल व निर्दलीय जय प्रकाश बने। पत्रकार सम्मेलन में इनेलो नेता आरएस चौधरी, बीडी ढालिया, रामसिंह बराड, पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी व प्रवीण आत्रेय सहित अनेक प्रमुख नेता मौजूद थे। अभय सिंह चौटाला ने पूरे मामले में आपराधिक केस दर्ज करने, राज्यसभा चुनाव रद् करने और इस पूरे षडयंत्र की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इनेलो जल्द ही चुनाव आयोग के पास जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने सबसे पहले सीरियल नंबर 21 पर वोट डाला था और सीरियल नंबर 92 तक 72 वोट पड़ चुके थे, सभी वोट सही स्याही वाले पैन से ही डाले गए थे। इनमें से कोई भी वोट रद नहीं हुआ। उस समय तक भाजपा के अधिकांश वोट डल गए थे और असीम गोयल और जयप्रकाश के वोट नहीं डलवाए थे, जिसके पीछे भी एक सुनियोजित साजिश और षडयंत्र था। अभय चौटाला ने कहा कि जैसे ही भाजपा को पता चला कि कांग्रेस विधायक वोट डालने आ रहे हैं, तो असीम गोयल सीरियल नंबर 93 पर वोट डालने के लिए गए और असली पैन से अपना वोट डालकर वहां से असली पैन उठाकर अलग स्याही वाला नकली पैन रख आए और जिससे सीरियल नंबर 94 से लेकर 106 तक डाले गए सभी वोट नकली स्याही वाले अलग पैन से होने के कारण सभी रद् हो गए। रद्द हुए वोट रेणूका बिश्नोई, कुलदीप बिश्नोई, उदयभान, ललित नागर, जयवीर, जयतीर्थ, श्रीकृष्ण हुडडा, करण सिंह दलाल, आनंद सिंह दांगी, रघुबीर सिंह कादियान, शकुंतला खटक व जयवीर मलिक के थे। सीरियल नंबर 104 पर डालकर आए भूपेंद्र सिंह हुडडा का वोट खाली था, जिसके कराण यह रदद् हो गया। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सुबह ही अपना वोट किरण चौधरी को दिखाकर उसकी गोपनीयता को भंग कर दिया था, जिसके कारण उसका वोट भाजपा की शिकायत पर पहले ही केंसिल हो गया था।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि उसके बाद में सीरियल नंबर 107 पर जयप्रकाश वोट डालने गए थे और वे असीम गोयल द्वारा उठाकर लाए गए असली पैन को ले जाकर ना सिर्फ असली पैन से अपना वोट डाल आए बल्कि वहां से नकली पैन को उठाकर भी ले आए, असली वहीं छोड़ आए। जिसके चलते सीरियल नंबर 107 से 110 तक डाले गए सभी वोट फिर असली पैन व सही स्याही होने के कारण मान्य पाए गए। ये वोट जयप्रकाश, कुलदीप शर्मा, गीता भुक्कल व कैप्टन अभिमन्यु के थे। इनेलो नेता ने कहा कि चार बातों से पूरे षडयंत्र से पर्दा इस तरह से उठ जाता है कि असीम गोयल व जयप्रकाश सुबह से विधानसभा परिसर में मौजूद होने के बावजूद उनके वोट जानबूझकर रोककर क्यों रखे गए? इसके अलावा मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री रामबिलास बार-बार किस आधार पर सुबह से ही ये दावा कर रहे थे कि भाजपा दोनों ही सीटें जीतेगी, हालांकि वोटों का अंकगणित भाजपा के पक्ष में नहीं था। इसीलिए शक की सुईं और भी गहरा जाती है।
उन्होंने कहा कि मतगणना से पहले जयप्रकाश ने मेरे सामने पेन वाला मुद्दा उठाया और मतदान वाले असली पैन को मंगवाकर उससे एक निशान बनाकर फिर दूसरी स्याही वाले पैन से वैसा ही निशान बनाकर सबसे पूछा कि अगर इस तरह से स्याही व पैन बदला हो, तो उन वोटों का क्या होगा? यह जवाब मिलने पर कि इस तरह के सभी वोट रद हो जाएंगे, तो जेपी ने कहा कि आज फिर इस तरह के कईं वोट रद् होना तय है। उन्होंने कहा कि मतगणना के दौरान पहले जयप्रकाश ने आरके आनंद के वोट अलग स्याही के होने की आशंका जताते हुए उन वोटों को बारीकी से देखने को कहा, सुरजेवाला व हुडडा के वोट के अलावा चार अन्य सहित कुल छह वोट रद् होने की सूचना आरके आनंद के मतगणना एजेंट रामपाल माजरा ने शुरू में दी थी। बाद में सुभाष चंद्रा ने फिर से कहा कि वे आरके आनंद को मिले सभी वोट देखना चाहते हैं और उनमें सात आठ वोट और अलग स्याही के होने चाहिएं। इस तरह से कुल 14 वोट रद् हो गए और आरके आनंद के पास पहली प्राथमिकता के 35 वोट होने के बाद भी उनके वोट घटकर 21 रह गए और सुभाष चंद्रा जिन्हें पहली प्राथमिकता के मात्र 15 वोट मिले थे, वे बीरेंद्र सिंह को मिले वोटों की दूसरी प्राथमिकता वाले वोटों के दम पर जीत गए।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जिन लोगों ने यह पूरा षडयंत्र रचा और पैन बदलने का काम किया उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए और इस चुनाव को रद् करके नये सिरे से चुनाव कराया जाना चाहिए। उन्होने चुनाव आयोग को इस तरह के मामलों में पुख्ता प्रबंध करने चाहिएं ताकि प्रजातंत्र का गला घोटने वाले बेनकाब किये जाएं और भविष्य में ऐसी धांधली नहीं हो सके इसीलिए इन चुनावों में और ज्यादा पारदर्शिता भी लायी जानी चाहिए।