मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई के आदेश पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन विभाग ने दोनों के रिहाई के आदेश दिए हैं।
इन घटनाक्रम से मधुमिता शुक्ला हत्याकांड एक बार फिर से चर्चाओं में आ गया है।
मधुमिता शुक्ला और अमरमणि त्रिपाठी के रिश्ते एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। मधुमिता शुक्ला मौत के वक्त गर्भवती थीं और उनके पेट में अमरमणि त्रिपाठी का बच्चा था। मधुमिता शुक्ला ने अपनी हत्या से पहले मां बनने और अमरमणि त्रिपाठी के साथ अपने रिश्ते को लेकर एक पत्र लिखा था। ये पत्र मधुमिता शुक्ला के फ्लैट में जांच अधिकारियों को बरामद हुआ था।
मौत के वक्त 6 महीने की गर्भवती थीं मधुमिता शुक्ला
इस पत्र के बारे में जानने से पहले आपको इस मधुमिता शुक्ला हत्याकांड और अमरमणि त्रिपाठी के साथ उनके रिश्ते के बारे में थोड़ा जान लेना चाहिए। 6 महीने की गर्भवती मधुमिता शुक्ला की 9 मई 2003 को लखनऊ की पेपर मिल कॉलोनी के स्थित उनके फ्लैट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मधुमिता उस वक्त तकरीबन 24 साल की थी।
मधुमिता के पेट में पल रहा बच्चा अमरमणि त्रिपाठी का था!
मधुमिता की हत्या के वक्त अमरमणि त्रिपाठी मायावती की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। पहले इस केस की जांच लखनऊ पुलिस कर रही थी। लेकिन बाद में इसे सीबीआई को दी जाती है। मधुमिता के पोस्टमार्टम से पता चलता है कि मौत के वक्त वो 6 महीने की प्रेग्नेंट थी। उसके बाद मधुमिता के डीएनए रिपोर्ट से पता चला कि मधुमिता के पेट में पल रहा बच्चा अमरमणि त्रिपाठी का है। इस केस की जांच में पता चला कि मधुमिता की हत्या में अमरमणि त्रिपाठी और उसकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी का भी हाथ है। मधुमिता को गोली मारने वाले लोग अमरमणि त्रिपाठी के लोग थे।
उत्तराखंड में देहरादून की एक अदालत ने मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी समेत चार लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
मधुमिता ने अपने पत्र में क्या लिखा था…?
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक मधुमिता लखनऊ में अपने जिस फ्लैट में मृत पाई गई थीं, वहीं से 9 मई 2003 को जांच एजेंसियों को, उनका लिखा हुआ एक पत्र मिला था। हालांकि इस पत्र में कोई तारीख नहीं लिखी थी। इस पत्र के बाद मौत के कई राज खुले। मधुमिता शुक्ला ने अपने उस पत्र में लिखा था, “चार महीने से मैं मां बनने का सपना देखती रही हूं। तुम इस बच्चे को स्वीकार करने से इनकार कर सकते हो लेकिन एक मां के रूप में मैं ऐसा नहीं कर सकती। क्या मैं महीनों तक इस बच्चे को अपनी कोख में रखने के बाद इसकी हत्या कर दूं? क्या तुम्हें मेरे दर्द का अंदाजा नहीं है, तुमने मुझे सिर्फ एक उपभोग की वस्तु समझा है।”
रिपोर्ट के मुताबिक मधुमिता शुक्ला के इस पत्र में जिस व्यक्ति को संबोधित किया गया है वह अमरमणि त्रिपाठी हैं। अमरमणि त्रिपाठी और मधुमिता शुक्ला का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर काफी महीनों से चल रहा था।