चंद्रयान-3 मिशन पर इसरो के संस्थापक विक्रम साराभाई के बेटे कार्तिकेय साराभाई ने कहा, ‘यह एक बड़ा दिन है. यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि इस ग्रह पर किसी के लिए भी इतनी सटीकता से इसे भेजने के लिए एक शानदार बात है जिसके साथ हम चंद्रयान -3 भेजने में सक्षम हुए हैं. वह भी एक ऐसी प्रक्रिया के माध्यम से जो दूसरों से अलग है. विज्ञान और इंजीनियरिंग में हम गलतियों से सीखते हैं. यह मानवता के लिए बहुत बड़ी बात होगी क्योंकि चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर आज तक कोई नहीं उतर सका है.’
चंद्रयान-3 मिशन पर अंतरिक्ष रणनीतिकार पी.के. घोष ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह भारत के लिए बहुत बड़ा दिन है. कारण यह है कि चंद्रयान 2 लैंडिंग नहीं कर सका था और अब हम पूरी दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि हमारे पास न केवल तकनीकी क्षमता है बल्कि हमारे पास दक्षिणी ध्रुव पर जाकर सॉफ्ट लैंडिंग करने की भी क्षमता है. साउथ पोल एक ऐसा क्षेत्र है जहां अब तक कोई लैंडिंग नहीं हुई है. पहले की सभी लैंडिंग भूमध्य रेखा के अंदर और उसके आसपास हुई. दक्षिणी ध्रुव पर उतरना कठिन है और इसलिए इतने कम बजट में ऐसा करना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.’