#WATCH | Indian Space Research Organisation’s (ISRO) third lunar mission Chandrayaan-3 makes soft-landing on the moon pic.twitter.com/vf4CUPYrsE
— ANI (@ANI) August 23, 2023
भारत ने चंद्रमा पर इतिहास रच दिया.
चांद की सतह पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत ने दुनिया में सफलता का परचम लहराया है. इसरो का लाइव प्रसारण शाम 5.20 बजे से आरंभ हो गया था. प्रसारण के दौरान वैज्ञानिकों की टीम चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग में जुटी रही. चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर हर तकनीकी पहलू पर काम किया गया. इसरो ने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से दर्शकों को बताने की कोशिश की कि किस तरह से चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को चांद की कक्षा में शामिल होने के लिए उड़ान भरी. इसके बाद वह 5 अगस्त को चांद की कक्षा में शामिल हो गया. इसरो लगातार अंतिम पलों तक चंद्रयान पर अपनी नजर बनाए रहा. आप ISRO के यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं.
भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर की नजरें भारत के चंद्र मिशन पर टिकी थीं.
आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा. इसके साथ ही भारत दुनिया का पहला देश बना जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच सका. भारत के चंद्रयान-3 की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस मिशन में केवल 600 करोड़ रुपये का खर्चा आया है.
14 जुलाई को लॉन्च किया गया था चंद्रयान-3
भारत का मून मिशन चंद्रयान-3, 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था. इसके बाद 5 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया और उसके बाद 17 अगस्त को चंद्रयान के दोनों मॉड्यूल ऑर्बिटर और लैंडर अलग हो गए थे. इसके बाद लैंडर विक्रम को चंद्रमा के करीब लाने की कवायद शुरू की गई. उसके बाद इसकी गति को कम करने के लिए डीबूस्टिंग की प्रक्रिया को पूरा किया गया.
ब्रिटेन से अमेरिका तक शुभकामनाओं की गूंज
मिशन चंद्रयान 3 की चर्चा सिर्फ देश ही नहीं विदेश में हो रही है. ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक में चंद्रयान के लिए शुभकामनाओं की गूंज तेज हो रही है. लंदन में भारतीय छात्रों ने उद्य शक्ति माता मंदिर में चंद्रयान 3 की सफलता के लिए पूजा की. वहीं अमेरिका के वर्जीनिया में चंद्रयान 3 के लिए भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों ने हवन कराया.
यूनाइटेड किंगडम में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त ने भी इस मौके को ऐतिहासिक बताया है. वहीं पड़ोसी मुल्क श्रीलंका के भारत में मौजूद उच्चायुक्त ने भी चंद्रयान मिशन को गौरव का क्षण बताया है.
साल 2019 में आखिरी 15 मिनट में ही भारत के चंद्रयान मिशन को झटका लगा था ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि चंद्रयान 3 इस बार 15 मिनट्स ऑफ टेरर को पार कर नया इतिहास लिख देगा.