– पीएम मोदी ने पारंपरिक चिकित्सा पर गांधीनगर में आयोजित दुनिया के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन में दिया वीडियो संदेश
– आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल से पारंपरिक चिकित्सा को प्रभावी बनाने पर दुनिया भर के एक्सपर्ट ने किया मंथन
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां आयोजित पारंपरिक चिकित्सा के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए इंसानों ही नहीं समूची प्रकृति की ट्रेडिशनल मेडिसिन से भलाई पर जोर दिया है। पारंपरिक चिकित्सा से प्रकृति की भलाई को जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य और पर्यावरण का एक दूसरे से गहरा नाता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ पर्यावरण को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि हमें इंसानों के साथ साथ सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधों और प्रकृति को भी स्वस्थ बनाने की कोशिश करनी चाहिए और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में पारंपरिक चिकित्सा खासा मददगार हो सकता है ।
पारंपरिक चिकित्सा के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन में दुनिया के 70 देशों से आए प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य सेवा की चुनौतियों के सामूहिक मुकाबले पर जोर दिया। उन्होंने कोविड संकट का जिक्र करते हुए कहा किइस संकट ने हमें एक बार फिर याद दिला दिया कि स्वास्थ्य हमारे जीवन का आधार है और इससे बड़ी संपदा कुछ और नहीं है । कोविड संकट से निपटने में भारत की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमने 100 से ज्यादा देशों को 300 मिलियन कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराया था ।
प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन को लेकर वीडियो संदेश में महात्मा गांधी की किताब आरोग्य की कुंजी का भी उल्लेख करते हुए कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें समग्र दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। संस्कृत के सूत्र वाक्य-आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम् का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि निरोगी होना परम भाग्य है और अच्छे स्वास्थ्य से अन्य सभी कार्य सिद्ध होते हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने खास तौर पर मिलेट्स जिसे श्री अन्न भी कहा जाता है, का खास तौर पर जिक्र किया और कहा कि श्री अन्न के सेवन से हम स्वस्थ रह सकते हैं ।
डब्ल्यूएचओ के महासचिव डॉ. ट्रेडोस एडनोम ने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भारत के प्रयासों की तारीफ की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रयासों की तारीफ की और कहा कि पारंपरिक चिकित्सा से दुनिया को स्वस्थ रखने में बहुत मदद मिलेगी। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनेवाल ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन से देसी इलाज पद्धति के महत्व के बारे में दुनिया के लोग जागरूक होंगे। आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए दुनिया के देशों में आपसी सहयोग और संवाद बेहद जरूरी है ।
शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन 70 से अधिक देशों के विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल से पारंपरिक चिकित्सा को और प्रभावी बनाने पर मंथन किया। सम्मेलन के दौरान डिजिटल टेक्नोलॉजी से जुड़ी एक फिल्म के जरिए दिखाया गया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस दुनिया की मौजूदा स्वास्थ्य सेवा की तस्वीर और तकदीर बदल रहा है ।