स्थानीय निकायों में भ्रष्टाचार पर हाईकोर्ट के सख्त रुख का कुमारी सैलजा ने किया स्वागत
किस शहर में कब, कितनी गलियों का हुआ निर्माण, सरकार शहर वाइज सूची जारी करे: सैलजा
कोर्ट के आदेशों की भी परवाह नहीं करती सरकार, सिरसा में कोर्ट के आदेश रखे ताक पर
चंडीगढ़, 16 अगस्त। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने स्थानीय निकायों में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश का स्वागत किया है जिसमें कोर्ट ने सरकार से दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है कि स्थानीय निकायों में कितने घोटाले, कितने फंड का दुरुपयोग की शिकायत और अन्य जानकारी देने को कहा है। उन्होंने कहा कि किस शहर में कब, कितनी गलियों का हुआ निर्माण हुआ सरकार शहर वाइज सूची जारी की जाए। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार कोर्ट के आदेशों का भी पालन नहीं कर रही है, सिरसा की एक कोर्ट में याचिका पर कोर्ट के आदेश का आज तक सिरसा में पालन नहीं हुआ है।
गौरतलब हो कि कुरूक्षेत्र जिला की शाहबाद नगर पालिका में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर एक याचिका पर सुनवाई करते हु पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट ने उक्त आदेश जारी किया था। कोर्ट ने स्थानीय निकाय निदेशक को विभिन्न नगर पालिका, समिति, निगमों, परिषदों में फंड के दुरुपयोग कर विभिन्न कार्यों के संबंध में निदेशालय के अन्य सभी लंबित सिफारिशों, शिकायतों का विवरण कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। कोर्ट के इस आदेश का पालन करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा है कि भ्रष्टाचार कर जनता को परेशान करने वाले का चेहरा उजागर होगा। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि सरकार कोर्ट के आदेश को ताक पर रख कर मनमानी करती है। उन्होंने कहा कि सरकार को कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए स्थानीय निकायों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना चाहिए और भ्रष्टाचारियों को बचाने के बजाए उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि सरकार स्थानीय निकायों के माध्यम से शहरों में हुए सडक़ और गली निर्माण के विवरण वाली सूची सार्वजनिक करें।
उन्होंने कहा कि सिरसा की एक कोर्ट द्वारा गए फैसले का अगर ईमानदारी से पालन किया गया होता तो स्थानीय निकायों में भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लग गया होता। सिरसा की एक कोर्ट ने 12 जुलाई 2015 को दायर याचिका पर 24 सितंबर 2015 को सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया कि जब भी किसी गली या सडक़ का निर्माण किया जाए तो गली के शुरुआत में एक साइन बोर्ड लगाया जाए जिस पर स्पष्ट लिखा हो कि गली को टेंडर कम कितनी धनराशि में जारी हुआ, लागत क्या है,कब तक बनकर तैयार होगी इसके साथ ही बोर्ड पर ठेकेदार, जेई का नाम और उनके मोबाइल नंबर भी अंकित हो, निर्माण सामग्री का विवरण भी स्पष्ट हो। पर इस आदेश का पालन आज तक नहीं हुआ अगर कोर्ट के इस आदेश का पालन पूरे प्रदेश में किया गया होगा तो भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लग गया होता।