लोकसभा में भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने हाल ही में सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर ‘देशद्रोह का मुकदमा’ चलाए जाने को लेकर बयान दिया है। जिस पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने राज्यवर्धन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता अजय माकन द्वारा बीजेपी सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। बयान पर सियासी बवाल खड़ा होने के बाद शनिवार को राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा, मैं अपने शब्दों पर कायम हूं।
बता दें कि, गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लेते हुए भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने दावा किया था कि 2008 बीजिंग ओलंपिक के दौरान सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एथलीटों से नहीं बल्कि कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं से मुलाकात की थी। राठौड़ ने संसद में कहा था, जिसके लिए उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
इस पर कांग्रेस नेता अजय माकन ने ओलंपिक खेल गांव में भारतीय खिलाड़ियों से सोनिया गांधी की मुलाकात पर छपे एक न्यूज आर्टिकल का स्क्रीनशॉट शेयर किया और राज्यवर्धन से पूछा कि क्या यह सच है? अजय माकन ने ट्वीट किया, “अगर यह सच है, तो दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष के रूप में मैं अपने सदन के नेताओं से राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध करता हूं।
अजय माकन के ट्वीट पर बीजेपी ने कहा कि, जब मामला सोनिया गांधी और राहुल गांधी का है तो अजय माकन बीच में क्यों आ रहे हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2008 में बीजिंग आए थे। मैं उस समय वहां था। उनकी कार 2 मिनट के लिए सड़क पर रुकी और वे वहां से चले गए।
बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि, मैंने संसद में ‘देशद्रोह’ क्यों कहा? क्योंकि वे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक गुप्त समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए चीन गए थे। वे वहां सरकारी प्रतिनिधि के रूप में नहीं गये थे। देश जानना चाहता है कि वह गुप्त समझौता क्या था? ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई राजनीतिक दल किसी प्रतिद्वंद्वी देश की पार्टी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करे। उस समय कांग्रेस सरकार में थी। उस समझौते में आपको क्या मिला? क्या आपने देश को कमजोर किया?
राठौड़ ने पूछा कि, अगर सेना के किसी जवान ने ऐसा किया होता, तो उस पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाता। लेकिन सेना को नियंत्रित करने वाली सत्ता ने एक गुप्त समझौते पर हस्ताक्षर किए। उन पर देशद्रोह का मुकदमा क्यों नहीं चलाया जाना चाहिए?