अब्दुल करीम तेलगी के महाघोटाले की कहानी अब जल्द ओटीटी पर दिखाई जाएगी. हर्षद अब्दुल करीम तेलगी की कहानी को लेकर आ रहे हैं और इससे पहले उन्होंने हर्षद मेहता के स्कैम पर वेब सीरीज बना चुके हैं.
अब्दुल करीम तेलगी का घोटाला हर्षद मेहता के घोटाला से करीब 6 गुना ज्यादा बड़ा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकार को अब्दुल करीम तेगली द्वारा मार्केट में बेचे गए सभी फर्जी स्टांप पेपर्स को लीगल ठहराना पड़ा. जानें अब्दुल करीम तेलगी के जीवन से जुड़ी 10 बातें…
अब्दुल करीम तेलगी के पिता रेलवे में कर्मचारी थे और उनका जल्दी देहांत हाने की वजह से परिवार की जिम्मेदारी उस पर आ गई. इसके बाद तेलगी ने अपने परिवार को पालने के लिए रेलवे स्टेशन के बाहर ठेला लगाकर फल और सब्जी बेचना शुरू किया. परिवार के लिए काम करने के साथ-साथ तेलगी ने किसी तरह से अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी की और ज्यादा पैसा कमाने के लिए वह साउदी अरब चला गया. यहां जाकर तेलगी को पैसा कमाने की लत से लगी. इसके बाद वह साउदी से महाराष्ट्र की मायानगरी यानी मुंबई पहुंच गया. 1980 के दशक में मुंबई में रहने के दौरान तेलगी ने लोगों का फर्जी पासपोर्ट बनाने का काम शुरू किया. इस मामले में मुंबई पुलिस ने उसे वर्ष 1991 में गिरफ्तार किया. इस केस में जेल जाने के बाद ही तेलगी को फर्जी स्टांप बेचने का आइडिया मिला. तेलगी को जेल जाने के बाद एक कैदी ने बताया कि हर्षद मेहता के शेयर बाजार घोटाले के चलते बाजार में स्टांप पेपर्स की कमी हो गई है. तेलगी को पता चला कि लोग पुाने शेयर ट्रांसफर सर्टिफिकेट से रेवेन्यू स्टांप निकाल रहे हैं और उन्हें इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके बाद तेलगी ने वर्ष 1992 से लेकर 2002 के इस घोटाले को अंजाम दिया. स्टांप पेपर्स घोटाले में तेलगी पर महाराष्ट्र में 12 केस दर्ज किए गए. जबकि अन्य राज्यों में उसके खिलाफ 15 और मामले दर्ज हुए. 2001 में तेलगी की इस मामले में गिरफ्तारी हुई. पूछताछ में तेलगी ने कई पुलिस अधिकारियों और नेताओं के नाम लिए. तेलगी के स्टांप पेपर्स घोटाले में एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर दिलीप कामथ का नाम सामने आया. जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि उसकी सैलरी 9000 रुपये थी और जांच के दौरान उसके बाद 100 करोड़ रुपये की संपत्ति मिली. इसी तरह से क्राइम ब्रांच के एक इंस्पेक्टर वशिष्ठ अंदाले के पास 50 करोड़ रुपये की संपत्ति मिली. घोटाले के बाद जब तेलगी जेल पहुंचा तो उसकी अय्याशी वहां भी खत्म नहीं हुई. पूर्व डीआईजी (कारावास) डी रूपा ने आरोप लगाया था कि जेल में उसे सारे ऐशो आराम वाली सुविधाएं मिलती हैं. वर्ष 2007 में तेलगी को कोर्ट ने 30 साल की कैद की सजा सुनाई और 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया. वहीं तेलगी के बाकी साथियों को 6-6 साल की सजा सुनाई गई थी. 2018 में महाराष्ट्र के नासिक की सेशन कोर्ट ने सबूतों के अभाव में अब्दुल करीम तेलगी को बरी कर दिया था. वर्ष 2017 में अब्दुल करीम तेलगी का बेंगलुरु के सरकारी अस्पताल में निधन हो गया था. तेलगी की मौत की वजह मल्टीपल ऑर्गन फेलियर थी. जब तेलगी को गिरफ्तार किया गया था तो उसे मधुमेह और एचआईवी का पीड़िता था. आरोप लगाया जाता है कि तेलगी को गिरफ्तारी के बाद एचआईवी का इंजेक्शन लगाया गया था. अब्दुल करीम तेलगी का लव अफेयर मुंबई की फेमस बार गर्ल तरन्नुम खान के साथ था. बताया जाता है कि तेलगी ने एक रात में तरन्नुम के डांस पर 93 लाख रुपये लुटा दिए थे.