हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने नूंह हिंसा को लेकर अपने ताजा बयान में कहा है कि इस मामले की जांच हो रही है. जिस तरह से लोगों ने धेरेबंदी की, उसके पीछे एक बड़ा गेम प्लान था. लोग मंदिरों के बगल की पहाड़ियों पर चढ़ गए. उनके हाथों में लाठियां थीं. किसी न किसी ने लाठियों की व्यवस्था की होगी. गोलियां चल रही थीं. एंट्री प्वाइंट पर लोग जमा हो गए थे. यह सब एक उचित योजना के बिना संभव नहीं है. कुछ लोगों ने हथियारों का भी इंतजाम कर रखा था. ये सब एक योजना का हिस्सा है. गहन जांच किए बिना हम किसी शीघ्र निष्कर्ष पर नहीं पहुंचेंगे. हालात सुधरने के बाद इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी.
इससे पहले नूंह हिंसा में सोशल मीडिया की भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि इसको लेकर भी जांच जारी है. प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सोशल मीडिया पर निगरानी रखने और स्कैनिंग के लिए तीन सदस्यों की एक समिति बनाई गई है. ये समिति बीती 21 जुलाई से लेकर 31 जुलाई के दौरान सोशल मीडिया के फेसबुक, टवीटर, व्हाट्सएप प्लेटफार्म को स्कैन करेंगी. अगर इस दौरान किसी ने भी उत्तेजनात्मक पोस्ट डाली होगी तो उसपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश के गृह मंत्री ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर ऐसा कुछ भी न तो पोस्ट करें न ही किसी को फारवर्ड करें. ऐसा इसलिए कि सोशल मीडिया जांच एजेंसियों की निगाह है, जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
अनिल विज ने मोनू मानेसर के पोस्ट को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि यदि किसी अपराधी ने सोशल मीडिया पर कोई वीडियो जारी कर दी थी, तो इसका मतलब यह नहीं है कि लोग घरों को आग के हवाले कर दें या हिंसक घटनाओं को अंजाम देने लग जाएं. उन्होंने पूछा कि ये कौन सी किताब में लिखा है कि कोई अपराधी इस तरह से वीडियो जारी करता है तो हिंसा कर दो. बता दें कि नूंह शहर में 31 जुलाई को उस वक्त हिंसा फैली जब वीएचपी की तरफ से ब्रजमंडल यात्रा निकाली जा रही थी. हिंसा की आग ना केवल पूरे नूंह शहर में फैली, बल्कि पलवल, गुरुग्राम, फरीदाबाद और रेवाड़ी में भी इसके बाद कई घटाएं हुईं.