कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि नूंह की घटना के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री का ये बयान कि ‘हर व्यक्ति को सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती’ बेहद निराशाजनक है. इससे न केवल आम जनता का मनोबल टूटेगा, बल्कि अपराधियों के हौसले भी बढ़ेंगे. प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करना सरकार का पहला काम है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर खट्टर साहब इस जिम्मेदारी को निभाने में असमर्थ है तो नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दें और कांग्रेस को कमान सौंपें. हम दिखाएंगे कि हर व्यक्ति को सुरक्षा की गारंटी कैसे दी जाती है. हमारे 10 साल के कार्यकाल में हरियाणा में कभी कोई कानून व्यवस्था की विफलता का उदाहारण देखने को नहीं मिला.
हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को दो समुदाय के आमने-सामने से हिंसा भड़क उठी थी. इस हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई. राज्य के अलग-अलग स्थानों पर दूसरे दिन यानी एक अगस्त को भी तोड़फोड़ और आगजनी हुई. इस घटना को लेकर खट्टर सरकार और पुलिस पर सवाल उठना लाजिमी है. हिंसा को रोकने और सोशल मीडिया पर अफवाह न फैले, इसे लेकर नूंह, फरीदाबाद, पलवल और गुरुग्राम में 5 अगस्त के लिए इंटरनेंट सेवाएं बंद रहेंगी. अब राज्य में एक भी दंगाई नहीं बच सकेंगे, इसे लेकर हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है.
हरियाणा सरकार ने दंगाइयों से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से प्रदेश में कानून व्यवस्था लागू करने के लिए सीआरपीएफ की 5 कंपनी की मांग की है. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि 1 हफ्ते के लिए यानी 2 अगस्त से लेकर 9 अगस्त तक के लिए CAPF कंपनी की डिमांग की गई है. इन CAPF कंपनीज को नूंह और उसके आसपास के जिलों में डिप्लॉय किया जाएगा. पलवल में 2 कम्पनीज, फरीदाबाद में 2 कंपनीज और गुरुग्राम में 1 CAPF की कम्पनी को डिप्लॉय किया जाएगा. साथ ही सरकार ने तुरंत प्रभाव से सेकंड इंडियन रिजर्व बटालियन (IRB) का हेडक्वार्टर भोंडसी से नूह में शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं. फरीदाबाद में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए रिजर्व ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी नियुक्त किए गए हैं. कुछ 9 रिजर्व ड्यू मजिस्ट्रेट बनाए गए हैं. फरीदाबाद , बड़खल और बल्लभगढ़ के लिए भी ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाए गए हैं.