Karnataka: प्रदेश के डिप्टी CM DK शिवकुमार ने अपने विधायकों से बात करते हुए कहा कि चुनावी वादों को पूरा करने के लिए 40,000 करोड़ रुपये अलग से रखने होंगे। इसलिए हम इस साल नई विकास परियोजनाओं के लिए पैसा नहीं दे सकते हैं।
इस साल मई में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को हराकर प्रदेश में अपनी सरकार बनाई थी। इन चुनावों को जीतने में कांग्रेस के 5 गारंटी पत्र ने अहम भूमिका निभाई थी। जिन्हें पूरा करने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही हैं। लेकिन इसी बीच खबर है कि सरकार के विधायक फंड न मिलने से नाराज है। विधायकों की नाराजगी के खबर के बीच प्रदेश के डिप्टी CM DK शिवकुमार ने नाराज विधायकों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया से बात करते हुए भाजपा पर कर्नाटक के खजाने को लूटने का भी आरोप लगाया है।
अपनी ही सरकार से विधायक नाराज!
बताया जा रहा है कि प्रदेश के 11 कांग्रेस विधायक अपनी ही सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं। नाराज सभी विधायकों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर शिकायत किया है। उन्होंने अपने शिकायती पत्र में कहा कि 20 मंत्रियों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों के कार्यों को लेकर पत्र लिखा, लेकिन मंत्रियों ने कोई जवाब नहीं दिया। इस पत्र में विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए धन का आवंटन न होने का दावा करते हुए नाराजगी व्यक्त की थी।
सरकार के पास विकास के लिए कोई पैसा नहीं- शिवकुमार
कांग्रेस विधायकों के नाराजगी की खबर सामने आने के बाद प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और सिद्धारमैया सरकार में डिप्टी CM DK शिवकुमार ने मोर्चा संभाला। उन्होंने विधायकों द्वारा लिखे गए शिकायती पत्र को फर्जी बताया। शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार के पास नई विकास परियोजनाओं के लिए कोई पैसा नहीं है क्योंकि उसने अपने पांच चुनावी वादों को पूरा करने के लिए धन अलग रखा है।
मुख्यमंत्री को लिखे विधायकों के शिकायत पत्र को फर्जी बताते हुए शिवकुमार ने कहा कि मंत्रियों ने विधायकों को स्थिति के बारे में पहले ही जानकारी दे दी थी। इससे पहले शिवकुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में सभी विधायकों को धैर्य रखने की सलाह दी थी।
चुनावी गारंटी पूरा करने के लिए सरकार को चाहिए 40 हजार करोड़
विधायकों के लिख पत्र को फर्जी बताते हुए डिप्टी CM ने कहा था कि कोई भी रैंडम लेटर पैड का उपयोग नहीं कर सकता है। हमें पांच चुनावी वादों को पूरा करने के लिए 40,000 करोड़ रुपये अलग से रखने होंगे। इसलिए हम इस साल नई विकास परियोजनाओं के लिए पैसा नहीं दे सकते हैं।
भाजपा ने कर्नाटक के खजाने को लूटा
इस दौरान भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवकुमार ने कहा, “पिछली सरकार ने राज्य को दिवालिया बना दिया है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी गलतियों को सुधारें और अपनी (चुनाव) गारंटी के लिए धन की व्यवस्था करें। कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनाव पूर्व जो पांच गारंटी का वादा किया गया था, उसके लिए सरकार को संसाधन जुटाने होंगे, इसलिए विधायकों को अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के लिए कम से कम इस साल पैसे की उम्मीद तो नहीं ही करनी चाहिए। यहां तक कि मेरे विभाग, जल संसाधन और सिंचाई को भी कोई कोई पैसा नहीं मिला है।”
सीएम ने विधायकों के साथ की बैठक
सत्तारूढ़ दल के भीतर असंतोष पनपने की खबरों के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता की. खबर के मुताबिक, बैठक में विधायकों और मंत्रियों ने अपने विचार व्यक्त किए और अपनी-अपनी स्थिति बताई, जिसके बाद सीएम ने उनसे अपनी शिकायत सीधे उनके साथ साझा करने और पार्टी फोरम के भीतर उन पर चर्चा करने के लिए कहा.इससे पहले उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने यह भी दावा किया था कि सरकार को गिराने के लिए सिंगापुर में एक साजिश रची जा रही थी।
5 लाख करोड़ के कर्ज में डूबा है कर्नाटक
भारत सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त कर्नाटक पर 5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। इसी बीच सरकार के 5 वादों को पूरा करने के लिए सरकार को हर साल 50 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी। अह देखने वाली बात ये है कि सरकार अपने वादे को पूरा करने के लिए इतनी बड़ी रकम कहां से इकट्ठा करेगी।