‘‘परिवर्तन पदयात्रा आपके द्वार’’ का 145वां दिन
परिवर्तन यात्रा के दौरान अभय सिंह चौटाला गांव जोरासी पहुंचे जहां इनेलो में शामिल होने का सिलसिला जारी रहा और इसी कड़ी में सैकड़ों युवाओं ने अन्य दलों को छोडक़र इनेलो में अपनी आस्था व्यक्त की
भाजपा के राज में खेती करने के खर्च के साथ-साथ किसानों पर कर्जा भी बढ़ गया: अभय सिंह चौटाला
किसान मोर्चा के नेताओं के आह्वान पर हमने चौ. देवी लाल की नीतियों का अनुसरण करते हुए विधायक पद से इस्तीफा दिया और आंदोलन में शामिल किसानों के लिए सिंघु बार्डर और टिकरी बार्डर पर अस्पताल खुलवाए साथ ही उनके खाने पीने और ठहरने का प्रबंध किया
विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा जो अपने आप को किसान हितैषी बताते हैं उसने तो भाजपा सरकार द्वारा दी गई केबिनेट मंत्री स्तर की सारी सुविधाएं ज्यों की त्यों रखी, हुड्डा ने तो किसान आंदोलन के पक्ष में एक सरकारी चपरासी तक का भी त्याग नहीं किया
अभय ने जहां आने वाले समय में किसान, कमेरा विरोधी बीजेपी और जेजेपी को सत्ता से उखाड़ फैंकने को कहा, वहीं भूपेंद्र हुड्डा जैसे दोगले नेताओं से बच कर रहने की सलाह दी
पानीपत, 27 जुलाई : ‘‘परिवर्तन पदयात्रा आपके द्वार’’ वीरवार को 145वें दिन जिला पानीपत के हलका समालखा के गांव समालखा से शुरू हुई और पट्टी कल्याणा, पावटी, जोरासी, छाजूगढ़ी, शहर मालपुर और बिहोली होते हुए करहंस पहुंची। लोगों ने अभय चौटाला का पुष्प वर्षा कर और ढोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने गांव वासियों से उनका हाल-चाल पूछा साथ ही लोगों से सीधा संवाद करते हुए उनकी समस्याओं के बारे में जाना और उन्हें भरोसा दिलाया कि इनेलो की सरकार बनने पर सभी समस्याओं का निवारण किया जाएगा।
परिवर्तन यात्रा के दौरान अभय सिंह चौटाला गांव जोरासी पहुंचे जहां इनेलो में शामिल होने का सिलसिला जारी रहा और इसी कड़ी में सैकड़ों युवाओं ने अन्य दलों को छोडक़र इनेलो में अपनी आस्था व्यक्त की। लोगों को संबोधित करते हुए इनेलो नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते थे कि 2022 तक किसानों की फसल के दाम दोगुणा कर देंगे। आज किसानों की फसल के दाम तो दोगुणा नहीं हुए अपितु भाजपा के राज में खेती करने का खर्चा कई गुणा बढ़ गया और किसानों के उपर कर्जा बढ़ गया। साथ ही महंगाई बेतहाशा बढ़ गई। 13 महीनों तक किसानों को तीन काले कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़नी पड़ी जिसमें 750 से ज्यादा किसानों ने अपनी शहादत देकर आंदोलन को मजबूत किया। और भी राजनीतिक दलों के नेता उस आंदोलन में गए लेकिन आंदोलन में किसानों की मदद करने के बजाय फोटो खिंचवा कर अखबारों की सुर्खियां बटोरते रहे।
किसान मोर्चा के नेताओं के आह्वान पर हमने चौ. देवीलाल की नीतियों का अनुसरण करते हुए विधायक पद से इस्तीफा दिया और आंदोलन में शामिल किसानों के लिए सिंघु बार्डर और टिकरी बार्डर पर अस्पताल खुलवाए साथ ही उनके खाने पीने और ठहरने का प्रबंध किया। लेकिन विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा जो अपने आप को किसान हितैषी बताते हैं उसने तो भाजपा सरकार द्वारा दी गई केबिनेट मंत्री स्तर की सारी सुविधाएं ज्यों की त्यों रखी। हुड्डा ने तो किसान आंदोलन के पक्ष में एक सरकारी चपरासी तक का भी त्याग नहीं किया। ऐलनाबाद उपचुनाव में जहां सारे किसान हमारे पक्ष में खड़े थे वहीं भूपेंद्र हुड्डा ने तो ऐलनाबाद उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार कांडा की मदद की। इनेलो नेता ने कहा कि आने वाले समय में किसान, कमेरा विरोधी बीजेपी और जेजेपी को सत्ता से उखाड़ फैंकना है। वहीं भूपेंद्र हुड्डा जैसे दोगले नेताओं से बच कर रहने की सलाह दी। इस पर लोगों ने हाथ उठा कर अभय सिंह को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया।