चीन ने भारतीय वुशु टीम में शामिल अरुणाचल प्रदेश के तीन खिलाड़ियों को नॉर्मल वीजा के बजाय स्टेपल वीजा जारी किया था. चीन के इस कदम पर सख्त रुख अपनाते हुए भारत सरकार ने वुशु टीम के सभी खिलाड़ियों को एयरपोर्ट से वापस बुला लिया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन का यह कदम अस्वीकार्य है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 11 सदस्यीय भारतीय टीम चीन में आयोजित होने वाली वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में शामिल होने के लिए देर रात रवाना होने वाली थी. लेकिन अधिकारियों ने सभी मंजूरी के बावजूद उन्हें चीन जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. चीनी अधिकारियों ने अरुणाचल के तीन खिलाड़ियों को नॉर्मल वीजा के बजाय स्टेपल वीजा जारी कर दिया. जबकि भारत सरकार चीन के स्टेपल वाजी को मंजूरी नहीं देती है.
चीन के स्टेपल वीजा के खिलाफ भारत ने अपनाया सख्त रुख
दरअसल, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भाग लेने के लिए अधिकतर एथलीटों को कल देर रात चीन के लिए रवाना होना था. जबकि अरुणाचल के तीन एथलीटों को आज रात रवाना होना था क्योंकि अरुणाचल के खिलाड़ियों के वीजा में देरी हो गई थी. चीन ने इन तीनों खिलाड़ियों को सामान्य वीजा के बजाय स्टेपल वीजा जारी कर दिया. चीन के इस रवैये से नाराज होकर भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि वुशु टीम का कोई भी खिलाड़ी चीन नहीं जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकांश खिलाड़ी गुरुवार सुबह 1 बजकर 5 मिनट पर चीन के लिए रवाना होते. यहां तक कि सभी तरह की सुरक्षा जांच भी हो चुकी थी. तभी अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सभी खिलाड़ियों को वापस घर लौटने के लिए कहा गया है.
चीन का यह कदम अस्वीकार्य: भारतीय विदेश मंत्रालय
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “हमारे संज्ञान में आया है कि चीन में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हमारे कुछ खिलाड़ियों को चीन की ओर से स्टेपल वीजा जारी किया गया था. यह अस्वीकार्य है. हमने इस मुद्दे पर चीनी अधिकारियों के सामने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है. स्टेपल वीजा के मुद्दे पर हमारा स्टैंड क्लियर है. वीजा देने में जाति या स्थान के आधार पर किसी तरह का भेदभाव हमें स्वीकार्य नहीं है. भारत इस तरह की कार्रवाइयों पर उचित प्रतिक्रिया देने का अधिकार रखता है.”
स्टेपल वीजा और नॉर्मल वीजा में क्या है अंतर?
जब किसी व्यक्ति को स्टेपल वीजा जारी किया जाता है तो पासपोर्ट के साथ एक अन्य कागज को अलग से स्टेपलर की मदद से नत्थी कर दिया जाता है. जबकि नॉर्मल वीजा में ऐसा नहीं किया जाता है. स्टेपल वीजाधारी जब अपना काम खत्म कर वापस आता है तो उसको मिलने वाले नत्थी वीजा, इंट्री और आउटिंग टिकट को फाड़ दिया जाता है. यानी व्यक्ति के पासपोर्ट पर इस यात्रा का कोई विवरण दर्ज नहीं होता है. जबकि नॉर्मल वीजा पर यात्रा विवरण दर्ज होता है.