पंजाब बीजेपी के मुखिया सुनील जाखड़ ने अन्य बीजेपी नेता के साथ मिलकर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की. उन्होंने पंजाब में बाढ़ की स्थिति के लिए भगवंत मान सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ गुरुवार को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिलने पहुंचे. उनके साथ बीजेपी के कई अन्य नेता भी पहुंचे थे. इस दौरान जाखड़ ने राज्यपाल से पंजाब में बाढ़ (Punjab Flood) के हालातों को लेकर चर्चा की और प्रदेश में बाढ़ की वजह नहरों की सफाई को बताया. जिसको लेकर उन्होंने राज्यपाल से पंजाब सरकार से इस मामले में रिपोर्ट मांगने की गुजारिश की है कि अगर पंजाब सरकार ने नहरों की सफाई की थी तो किस समय की थी और कैसे की थी.
पंजाब सरकार को निर्देश जारी करने की अपील
पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ की तरफ से राज्यपाल पुरोहित से प्रार्थना की गई कि वो पंजाब में बाढ़ की वजह से जगह-जगह पानी भरा हुआ है. ऐसे में कोई बीमारी ना फैले इसके लिए सरकार संबंध में निर्देश जारी करें और सरकार को लोगों को बीमारियों से बचाव के लिए प्रयास करने चाहिए. वहीं जाखंड ने कहा कि केंद्र सरकार ने 218 करोड़ रुपए भेजे हुए. जलभराव की स्थिति होने की वजह से फिलहाल गिरदावरी नहीं होगी. और फसलों की गिरदावरी भी नहीं हो सकेगी. जाखंड ने कहा कि पनीरी सप्लाई के संबंध में भी पंजाब सरकार ने राज्यपाल को झूठी रिपोर्ट दी है. जिसमें सरकार की तरफ से पटियाला-जालंधर में कई हजार एकड़ के लिए पनीरी मुहैया कराने की बात कही गई है. लेकिन सच्चाई इससे अलग है. लोग खुद अपने स्तर पर पनीरी की व्यवस्था कर रहे है.
सुनील जाखड़ बोले- ‘केंद्र मदद के लिए तैयार’
वहीं जाखड ने कहा कि सीएम भगवंत बाढ़ से मदद के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी केंद्र मदद को तैयार है. वहीं उन्होंने कहा कि सीएम मान गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए चले तो भी वो तैयार है. केंद्र सरकार से और पैसे की डिमांड की जाए हम उनके साथ है. आपको बता दें कि राज्यपाल से मिलने गए बीजेपी नेताओं में ज्यादातर वो नेता थे जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए है. बीजेपी के बड़े नेता इस मुलाकात के दौरान जाखड़ के साथ दिखाई नहीं दिए. जाखड़ ने आगे कहा कि पंजाब सरकार के विधायकों के अहंकार के चलते सरकारी कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है. इस संबंध में राज्यपाल से कहा गया है कि वो सरकार को इस हिदायत दे. उन्होंने कहा कि आप के विधायक दिनेश चड्ढा ने कर्मचारियों से माफी मांगनी पड़ी है. लोकतंत्र की जीत हुई है. विधायक को लोगों के सामने झुकना पड़ा है.