जिस तरह से मणिपुर मसले पर विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है उसके बाद अब विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव यानि no confidence motion लेकर आया है। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव ऐसे समय में लाया जाता है ति विपक्ष को लगता है सरकार अपना बहुमत खो चुकी है यानि सदन में वह अपना विश्वास खो चुकी है।
दरअसल संसद का मानसून सत्र चल रहा है। पिछले कई दिनों से संसद में विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है। विपक्ष के नेता मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के दोनों सदन में मणिपुर मुद्दे पर विस्तार से बयान दें और इस मसले पर चर्चा की जाए।
इंडियन डेवलपमेंट इन्क्लुसिव अलायंस यानि इंडिया (INDIA) ने मोदी सरकार के खिलाफ अपने हमले तेज कर दिए हैं। अब विपक्ष संसद में भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ऐलान किया था कि बुधवार को विपक्ष सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। जिसके बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर यह अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है। दरअसल अविश्वास प्रस्ताव संसदीय प्रणाली है। इसके तहत विपक्ष को यह अधिकार मिलता है कि वह सरकार के बहुमत और सरकार चलाने की क्षमता को चुनौती दे सकती है। अगर अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है तो सरकार को इस्तीफा देना पड़ता है।
कौन ला सकता है कि अविश्वास प्रस्ताव
लोकसभा का कोई भी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है। हालांकि इसके लिए सदन के 50 सदस्यों का समर्थन मिलना जरूरी होता है।
कैसे लाया जाता है कि अविश्वास प्रस्ताव,
अविश्वास प्रस्ताव लिखित दस्तावेज होना चाहिए और इसपर सभी संसद के सदस्यों के हस्ताक्षर होने जरूरी हैं। अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा स्पीकर के पास जमा करना होता है। इसे किसी भी दिन पेश किया जा सकता है, बशर्ते सदन की कार्रवाई चल रही हो।
अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद क्या होता है
लोकसभा स्पीकर पर यह निर्भर करता है कि वह इसपर बहस के लिए इसे स्वीकार करता है या नहीं। अगर अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है तो स्पीकर इसपर चर्चा के लिए समय दे सकते हैं।
कैसे होती है वोटिंग
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद इस पर वोटिंग होती है। अगर यह पास हो जाता है तो सरकार को इस्तीफा देना होता है। लेकिन अगर सरकार अविश्वास प्रस्ताव जीतती है तो सरकार सत्ता में बनी रहती है।
कब-कब लाया गया अविश्वास प्रस्ताव
अभी तक लोकसभा में 27 अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जा चुके है। पहला अविश्वास प्रस्ताव देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ 1963 में लाया गया था। इसके बाद इंदिरा गांधी के खिलाफ, लाल बहादुर शास्त्री, पीवी नरसिम्हाराव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ भी 1999 में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। हाल ही में 2018 में पीएम मोदी के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था