पंजाब कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल को दिया ज्ञापन
नई विधानसभा के लिए जमीन आवंटन रोकने की मांग
चंडीगढ़, 20 जुलाई (हि.स.)। चंडीगढ़ प्रशासन ने हरियाणा को चंडीगढ़ में नई विधानसभा इमारत के लिए जमीन देने का पंजाब ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
गुरुवार को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा तथा अन्य कांग्रेस नेताओं ने पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक से मुलाकात करके जमीन दिए जाने का विरोध दर्ज करवाया।
कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन देकर जमीन अलाटमेंट की कार्रवाई तुरंत रोकने की मांग की। कांग्रेस की तरफ से दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि पंजाब के राज्यपाल और राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के लिए दी गई 10 एकड़ जमीन के निर्णय पर संवैधानिक व नैतिक रूप से चर्चा करना महत्वपूर्ण है। अस्तित्व में आए पंजाब और हरियाणा पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 का परिणाम हैं। पहले पंजाब को दो अलग-अलग राज्यों में विभाजित किया गया था और पंजाब के गांवों की जमीन केवल चंडीगढ़ बनाने और स्थापित करने के लिए ली गई थी। हरियाणा को केवल कुछ वर्षों के लिए चंडीगढ़ का किराएदार घोषित किया गया था, ताकि नवनिर्मित राज्य अपनी नई राजधानी नहीं बना लेता।
अब पंजाब की जमीन हरियाणा को आवंटित करने के इस फैसले के माध्यम से केवल किराएदार के बजाय चंडीगढ़ का स्थायी निवासी बनाया जा रहा है। पंजाब के हितों की रक्षा करना आपका नैतिक कर्तव्य है और कोई भी निर्णय जो भूमि के वास्तविक स्वामित्व के विपरीत हो, उस पर सावधानी-पूर्वक पुनर्विचार किया जाना चाहिए।